सऊदी अरब के रक्षा मंत्री ने गुरूवार को सऊदी के तेल ठिकानों पर ड्रोन से हमला करने के आदेश देने पर ईरान की आलोचना की है। इस हमले की जिम्मेदारी यमन के ईरानी समर्थित हूथी चरमपंथियों ने ली थी। उप रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने ट्वीट कर कहा कि “यह हमला साबित करता है कि यह चरमपंथी ईरानी सरकार के औजार की तरह है जिसे वह अपने विस्तारवादी एजेंडे को अमल में लाने के लिए इस्तेमाल करती है।”
तेहरान ने दिए हमले के आदेश
उन्होंने कहा कि “इस हमले की आदेश तेहरान की सरकार ने दिए थे और इसको अंजाम हूथी चरमपंथियों ने दिया था। इस आतंकी हमले से जारी राजनीतिक प्रयासों के फंदे को ज्यादा कस दिया है।” यमन में चार वर्षों से सऊदी अरब के नेतृत्व में सैन्य गठबंधन हूथी विद्रोहियों से संघर्ष कर रहे हैं।
हूथी ने कहा कि मंगलवार को सऊदी के तेल ठिकानों पर उन्होंने ड्रोन से हमला किया था। वही रियाद के मुताबिक, इससे निर्यात या उत्पादन में कोई दिक्कत नहीं होगी। अन्य सऊदी की अधिकारीयों ने क्षेत्र में अपने चिर प्रतिद्वंदी पर दबाव को बढ़ाने के लिए ऐसे ही ट्वीट किये थे।
अमेरिका-ईरान की दुश्मनी
अमेरिका और ईरान के बीच भी प्रतिबंधों और खाड़ी में अमेरिकी सेना की तैनाती के कारण तनाव काफी बढ़ गए हैं। विदेश मामलो के राज्य मंत्री आदेल अल जुबैर ने ट्वीटर पर लिखा कि “हूथी ईरान की रेवोलूशनरी गार्ड्स फोर्सेज का आंतरिक भाग है और इसके आदेशों का पालन करता है और यह सल्तनत के तेल ठिकानों पर हमले से साबित हो जाता है।”
इससे पूर्व सऊदी अरब अमीरात के तट पर सऊदी के तेल टैंकर को शांति पंहुचाई गयी थी। यूएई ने इस हमले के लिए किसी को कसूरवार नहीं ठहराया है। इसकी जांच अभी जारी है और ईरान ने इससे दूरी बना ली है। चार जहाजों में नॉर्वे का तेल उत्पादों का टैंकर और यूएई का बंकर भी क्षतिग्रस्त हो गया था।
हूथी ने सऊदी के शहरो को ड्रोन और मिसाइल से निशाना बनाया है लेकिन यह पहली बार है कि अरामको के ढाँचे पर ड्रोन से हमला किया गया हो।