पाकिस्तान के प्रधानमन्त्री इमरान खान और विदेश मन्त्री शाह महमूद कुरैशी 19 सितम्बर को सऊदी की अधिकारिक यात्रा जायेंगे। कुरैशी ने कहा कि “वहा हमारी महत्वपूर्ण बैठके होंगी। आमने सामने बैठकर हम आगे की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे।”
रेडियो पाकिस्तान की रिपोर्ट के मुताबिक खान ने सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के साथ फ़ोन पर बातचीत की थी और क्षेत्रीय मामलो पर चर्चा की थी। खासकर, हाल ही में सऊदी अरब की तेल कंपनियों पर हुए आतंकी हमले के बारे में बात की थी।
खान ने रियाद के साथ पाकिस्तान के पूरे समर्थन को जाहिर किया और इस तरह के नुकसान पहुचाने वाले कृत्यों के खिलाफ सऊदी के सतह खड़े रहने का विश्वास दिया है जो सल्तनत की सुरक्षा और वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा उत्पन्न करता हो।
यूरोपी स्नासाद में कश्मीर और मानव अह्दिकारो के उल्लंघन को लेकर बहस हो सकती है। भारत पर पाकिस्तान ने मानव अधिकारों के उल्लंघन करने के आरोप लगाये हैं। यूरोपीय संसद की जनरल असेंबली में कश्मीर पर साल 2008 के बाद दूसरी दफा बहस हो रही है।
मंगलवार को बहस से पूर्व आज़ाद कश्मीर एक अध्यक्ष मसूद खान ने जम्मू कश्मीर की स्थिति के बाबत चेतावनी दी थी। साथ ही यूरोपीय संघ से भारत के इस कदम की आलोचना करने की मांग की थी। भारत ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी कर दिया था।
भारत ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य के दर्जे को निष्प्रभावी कर दिया था और इसके बाद पाकिस्तान ने इस मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण करने की नाकाम कोशिश की है। हालाँकि भारत ने सख्ती से कहा है कि यह नई दिल्ली का आंतरिक मामला है और इसमें किसी तीसरे देश की दखलंदाज़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र महासभा की 27 सितम्बर को होने वाली बैठक में कश्मीर मामले को उठाने की योजना बना रहा है। पाकिस्तान ने प्रस्ताव को पेश करने के लिए 19 सितम्बर की समयसीमा दी थी। विगत दिनों में पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री इजाज अहमद ने बयान दिया था कि कश्मीर मामले पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पर्याप्त सहयोग ने नहीं मिला है।