अमेरिका के राज्य सचिव माइक पोम्पियो ने शुक्रवार को ऐलान किया कि मुल्क सऊदी अरब में अतिरिक्त सेना और सैन्य उपकरणों की तैनाती कर रहा है ताकि रक्षात्मक क्षमताओं में विस्तार किया जा सके और ईरानी आक्रमकता के खिलाफ अवरोध उत्पन्न किया जा सके।
पोम्पियो ने एक ट्वीट में कहा कि “अमेरिका सऊदी अरब में अतिरिक्त सेना और सैन्य उपकरणों की तैनाती कर रहा है ताकि रक्षात्मक क्षमताओं में विस्तार किया जा सके और ईरानी आक्रमकता के खिलाफ अवरोध उत्पन्न किया जा सके।”
उन्होंने ईरान को एक समान्य देश की तरह व्यवहार करने की चेतावनी दी है। उन्होंने कहा कि “ईरानी सरकार को अपने मूल व्यवहार में परिवर्तन करना होगा और एक समान्य राष्ट्र की तरह व्यवहार करना चाहिए या अपनी अर्थ्व्यव्त्षा को बर्बाद होते हुए देख सकते हैं।”
कुछ हफ्तों पूर्व पेंटागन ने कहा कि “वह चार रडार प्रणालियों को भेजेंगे, पैट्रियट मिसाइल की एक बैटरी और सऊदी अरब के लिए 200 सैनिको को भेजेंगे। यह कदम सऊदी अरब की आत्मरक्षा की काबिलियत में इजाफा करेगा। बीते महीने सऊदी की तेल कंपनियों में ड्रोन से हमला किया गया था।
सल्तनत में सैन्य बल भेजने के पीछे अमेरिका का मकसद ईरान के खिलाफ अदिकतम दबाव के अभियान को जारी रखना है। तेहरान ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “उनकी सरजमीं पर किसी भी हमले का जवाब तबाही से मिलेगा चाहे वो अमेरिका की समाप्ति हो या सऊदी अरब और यूएई जैसे सहयोगियों की हो।”
14 सितम्बर को सऊदी की तेल कंपनियों में हुए हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को कसूरवार ठहराया था जबकि यमन के हौथी विद्रोहियों ने इसकी जिम्मेदारी ली थी। इस हमले से सऊदी की तेल कंपनियों को काफी नुकसान हुआ था और सल्तनत का आधे तेल निर्यात पर असर पड़ा था।