सऊदी अरब की सल्तनत में क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और बादशाह सलमान बिन अब्दुलअज़ीज़ के बीच मनमुटाव चल रहा है। यह खबर गार्डियन अखबार ने प्रकाशित की है। खबर के मुताबिक पिता और पुत्र के बीच कई नीतियों के लेकर अनबन है।
राजपरिवार में अनबन
बीते माह बादशाह की मिस्र यात्रा के दौरान विवाद शुरू हुआ था, जब पूरी सुरक्षा टीम को परिवर्तित कर दिया गया था। बादशाह को उनके सलाहकारों ने उनके खिलाफ कदम उठाये जाने की चेतावनी दी गयी थी। इसके बाद उनकी 30 सदस्यीय नई सुरक्षा टीम को हटा दिया गया था और वापस मौजूदा टीम को रखा गया था।
गार्डियन के मुताबिक यह कदम तत्काल प्रतिक्रिया का भाग था, जिसके मुताबिक शयद कुछ सुरक्षाकर्मी क्राउन प्रिंस सलमान के वफादार थे। साथ ही बादशाह के सलाहकारों ने मिस्र के सुरक्षाकर्मियों को भी बर्खास्त कर दिया था। यह विवाद तब अधिक स्पष्ट हो गया जब बादशाह को रियाद वापसी के दौरान रिसीव करने में मेहमानों की आधिकारिक सूची में क्राउन प्रिंस का नाम शामिल नहीं था।
क्राउन प्रिंस से बादशाह की वापसी पर उनके इस्तकबाल की उम्मीद की जाती है, यह सम्मान और सरकार की अखंडता का प्रतिक होता है। जब बादशाह रियाद में मौजूद नहीं थे, तब कार्यकारी क्राउन प्रिंस ने राजकुमारी रीमा बिन्त बांदर बिन सुल्तान को अमेरिकी राजदूत बना दिया और भाई खालिद बिन सलमान को रक्षा मंत्री का पद सौंप दिया था।
हुक्मनामे पर दस्तखत
इसके आलावा कार्यकारी बादशाह होने के दौरान उन्होंने 23 फरवरी को हुक्मनामे पर दस्तखत किये थे, जबकि इस तरह की नियुक्तियों में हमेशा बादशाह के दस्तखत होते हैं। वांशिगटन में सऊदी अरब के दूतावास के प्रवक्ता ने सोमवार को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा कि “यह परंपरा है जब बादशाह सलमान विदेश दौरे पर जाते हैं तो सल्तनत से जुड़े सभी फैसले क्राउन प्रिंस करते हैं। यही बादशाह के बीते मिस्र के दौरे में हुआ था।”
सऊदी अरब के क्राउन के प्रिंस ने हाल ही में दक्षिण एशिया के तीन देशों पाकिस्तान, भारत और चीन का दौरा किया था।तुर्की में सऊदी अरब के दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या के बाद क्राउन प्रिंस की वैश्विक स्तर पर आलोचना हो रही है। इसके कारण राजपरिवार में भी बगत की बू आने लगी थी। राजपरिवार के कई सदस्य मोहम्मद बिन सलमान को अगला बादशाह नियुक्त करने के पक्ष में नहीं थी।