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    संसद का शीतकालीन सत्र 11 दिसंबर से आरम्भ हो रहा है। 8 जनवरी 2019 तक चलने वाले संसद में कुछ 20 बैठकें होने की उम्मीद है।

    संसद का सत्र उसी दिन शुरू हो रही है जिस दिन 5 राज्यों मध्य प्रदेश, मिजोरम, तेलंगाना, राजस्थान और छतीसगढ़ के के विधानसभा चुनाव के परिणाम आने हैं।

    कुल 23 पुराने बिल ऐसे हैं जिनपर शीतकालीन सत्र के दौरान चर्चा होनी है और पास होने हैं। जबकि 20 नए बिलों से संसद को अवगत कराना और उस पर चर्चा कर पास करना है।

    एक नज़र उन महत्वपूर्ण बिलों पर जिनपर शीतकालीन सत्र के दौरान चर्चा होनी है –

    लोगों का प्रतिनिधित्व (संशोधन) विधेयक, 2017 

    ये बिल दो बिलों का संशोधित रूप है जिसके अंतर्गत विदेशों में रह रहे मतदाताओं को व्यक्तिगत रूप से या प्रॉक्सी द्वारा अपना वोट डालने में सक्षम बनाएंगे। इसे मानसून सत्र में लोकसभा द्वारा पारित किया गया है। वर्तमान में यह राज्यसभा में लंबित है।

    अनियमित जमा योजना पर प्रतिबन्ध के लिए बिल, 2018 

    यह विधेयक अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध लगाने के लिए  है। पीआरएस विधान अनुसंधान के अनुसार, वर्तमान में यह स्थायी समिति के साथ है।

    राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग विधेयक, 2017 

    यह विधेयक भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 को निरस्त कर देगा और चिकित्सा अभ्यास और शिक्षा को नियंत्रित करने के लिए राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) की स्थापना करेगा।

    मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक, 2017 

    यह विधेयक कैब एग्रीगेटर्स को ध्यान में रखता है और राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड, मोटर वाहन बीमा, लाइसेंसिंग अधिकारियों के कम्प्यूटरीकरण और अधिनियम के तहत जुर्माना बढ़ाकर सड़क सुरक्षा जैसे मुद्दों को हल करने के सम्बन्ध में है। इसे 10 अप्रैल, 2017 को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।

    जो बिल पहली बार संसद में प्रस्तुत होंगे

    कंपनियां (संशोधन) विधेयक, 2018 

    एक अध्यादेश को बदलने के लिए इस विधेयक पेश किया जा सकता है। इससे कुछ अपराधों और दंड के संबंध में कंपनी अधिनियम, 2013 में कुछ संशोधन आएंगे।

    मुस्लिम महिलाएं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2018 

    एक अध्यादेश को बदलने के लिए पेश किया जा रहा है इस विधेयक का लक्ष्य तत्काल ‘तीन तालाक’ को अवैध और निरर्थक घोषित करना है। इस बिल के अंतर्गत तीन तलाक देना दंडनीय अपराध होगा।
    पिछली ‘मुस्लिम महिलाएं (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2017’ इसे पारित होने के बाद वापस ले लिया जाएगा।

    राम मंदिर बिल (संभावित) 

    भाजपा के राज्यसभा सांसद और आरएसएस के विचारक राकेश सिंह ने नवम्बर में कहा था कि वो अयोध्या में विवादित भूमि पर राम मंदिर के निर्माण के लिए लिए प्राइवेट मेंबर बिल लायेंगे। संभव है ये बिल इसी शीतकालीन सत्र में संसद के पटल पर रखा जाए।

    महिला आरक्षण बिल 

    सालों से लंबित महिला आरक्षण बिल शीतकालीन सत्र में कांग्रेस से उठाये जाने की संभावना है। इस बिल के अंतर्गत संसद और राज्य विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। राज्यसभा में ये बिल 2010 में ही पास हो गया था लेकिन 2014 में लोकसभा के विधटन के बाद ये बिल निरर्थक हो गया था।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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