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    सरकार ने गुरुवार को वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए अनुपूरक मांगों के अनुदान (एसडीएफजी) के पहले बैच में 21,246.16 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की मंजूरी मांगी। इसमें 18,995.51 करोड़ रुपये का शुद्ध नकद व्यय शामिल है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में अनुपूरक मांगों के लिए प्रस्ताव दिया, जिसमें 64 अनुदान और दो विनियोग शामिल हैं।

    एसडीएफजी के प्रस्तावना नोट में कहा गया, “21,246.16 करोड़ रुपये के सकल अतिरिक्त व्यय को अधिकृत करने के लिए संसद की स्वीकृति मांगी गई है। इसमें से शुद्ध नकद व्यय के कुल मिलाकर 18,995 रुपये के प्रस्ताव हैं। मंत्रालयों या विभागों की बचत या संवर्धित प्राप्तियों द्वारा मिलान किए गए सकल अतिरिक्त व्यय या पुनप्र्राप्ति कुल मिलाकर 2,249.37 करोड़ रुपये है।”

    इसमें कहा गया है कि 1.28 करोड़ रुपये के टोकन प्रावधान की मांग की जा रही है। साथ ही नई सेवा या सेवा के नए साधन से जुड़े मामलों में बचत के पुन: विनियोजन को सक्षम करने के लिए व्यय के प्रत्येक मद के लिए एक लाख रुपये की मांग रखी गई।

    अतिरिक्त व्यय की बात करें तो रक्षा मंत्रालय के वेतन और भत्ते के भुगतान जैसे खर्च को पूरा करने के लिए मंत्रालय को 1,500 करोड़ रुपये, बीमा कंपनियों के पुनर्पूजीकरण के लिए वित्तीय सेवा विभाग को 2,500 करोड़ रुपये, गृह मंत्रालय के लिए केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के अनुदान के तौर पर 8,820.62 करोड़ रुपये शामिल हैं।

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