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    सरकार ने गुरुवार को कहा कि चंद्रयान-2 चंद्र मिशन को असफल बताना अनुचित होगा। तृणमूल कांग्रेस के मानस रंजन भूनिया के सवाल के जवाब में अंतरिक्ष विभाग के राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक कोशिशों में प्रक्रियात्मक व प्रक्रियागत घटनाएं होती हैं।

    मंत्री ने राज्यसभा में कहा, “चंद्रयान-2 मिशन को हर भारतीय ने उत्सुकता के साथ देखा। इसमें कुछ हद तक निराशा हुई जैसा कि माननीय सदस्य ने कहा। लेकिन इसे असफलता के रूप में बताया जाना अनुचित होगा।”

    उन्होंने कहा कि कोई भी देश दो प्रयासों में सफलतापूर्वक साफ्ट लैंडिंग कराने में सक्षम नहीं रहा।

    मंत्री ने कहा कि अमेरिका ने अपनी अंतरिक्ष यात्रा बहुत पहले शुरू की, लेकिन वे अपने आठवें प्रयास में साफ्ट लैंडिंग कराने में सफल हो सके।

    भारत का महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-2 के चंद्रमा की सतह पर सात सितंबर को लैंडिंग करने की उम्मीद थी। पूरा देश इस चंद्र मिशन की सफलता का उत्सुकता से इंतजार कर रहा था, लेकिन चंद्रयान-2 के लैंडर ‘विक्रम’ का संपर्क ग्राउंड स्टेशन से टूट गया।

    मिशन पर पूरक सवालों के जवाब देते हुए मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि मिशन के दो पहलू थे – वैज्ञानिक और तकनीकी और दोनों मोर्चो पर यह सफल रहा।

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