केंद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि वह सरकारी स्वामित्व वाली दूरसंचार कंपनी, भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) को पुनर्जीवित कर इसे ‘लाभदायक’ बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह घोषणा प्रश्नकाल के दौरान निचले सदन में की। उनके पास संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों का भी अतरिक्त प्रभार है।
एक सांसद के प्रश्न के जवाब में प्रसाद ने कहा, “हम बीएसएनल को पुनर्जीवित कर इसे लाभदायक बनाएंगे।”
मंत्री ने कहा कि सरकार बीएसएनएल और महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) की कनेक्टिविटी के बारे में भी चिंतित है और उन्होंने कहा कि इसके पुनरुद्धार के लिए एक योजना तैयार की गई है।
एमटीएनएल मुंबई और दिल्ली में दूरसंचार सेवाएं प्रदान करती है। इसका भी स्वामित्व सरकार के पास है।
सरकार ने पिछले महीने ही बीएसएनएल और एमटीएनएल के पुनरुद्धार के लिए 69,000 करोड़ रुपये के पैकेज को मंजूरी दी थी। इसमें घाटे में चल रहीं दो कंपनियों का विलय, उनकी परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण और कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) की पेशकश शामिल है, ताकि संयुक्त कंपनी को दो सालों में लाभदायक किया जा सके।