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    कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के मुद्दे को लेकर बुधवार को लोकसभा में हंगामा किया और सदन से बहिर्गमन कर दिया। पार्टी ने सरकार पर निर्वाचित राज्य सरकार के खिलाफ भेदभाव करने का आरोप लगाया।

    कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाया और कहा कि छत्तीसगढ़ चावल का ‘कटोरा’ है और केद्र द्वारा राज्य को नजरअंदाज किए जाने के बावजूद इसने विभिन्न किस्मों के उत्पादन को बनाए रखा है। केंद्र पूरे देश से चावल खरीदता है, लेकिन छत्तीसगढ़ से नहीं।

    चौधरी ने कहा, “केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के साथ भेदभाव कर रही है। उसने देश भर के प्रत्येक राज्य से चावल खरीदा, लेकिन छत्तीसगढ़ से नहीं खरीदा।”

    केंद्र सरकार को ‘किसान विरोधी’ बताते हुए कांग्रेस नेता ने जवाब मांगा कि छत्तीसगढ़ के साथ ऐसा भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इसकी वजह से किसान संकट में हैं।

    राज्य सरकार ने केंद्र के निर्धारित 1,815 रुपये प्रति कुंटल से ऊपर चावल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 2,500 रुपये प्रति कुंटल तय किया है। केंद्र ने एमएसपी बढ़ाने और भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को बढ़े मूल्य पर खरीद की अनुमति देने से इनकार किया है।

    छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव से भाजपा सांसद संतोष पांडेय ने कांग्रेस की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार पर पलटवार करते हुए राज्य सरकार पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया और कहा कि वह लोगों को ‘गुमराह करने की कोशिश कर रही है।’

    उन्होंने कहा, “चुनाव से पहले कांग्रेस ने राज्य में शराब बंदी का वादा किया था, लेकिन उसने कुछ नहीं किया।”

    पांडेय ने यह भी पूछा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य के किसानों से धान खरीदने में 15 दिनों की देरी क्यों की।

    इस बीच कांग्रेस नेता इस मुद्दे पर लगातार बोलते रहे और सरकार से जवाब मांगते रहे और बाद में पार्टी ने सदन से बहिर्गमन किया।

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