केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में बुधवार को जम्मू एवं कश्मीर के हालात से संबंधित सवालों के जवाब में कहा कि नवगठित केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) में इंटरनेट को स्थानीय प्रशासन की अनुशंसा पर बहाल किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जहां तक इंटरनेट सेवा की बहाली का सवाल है, यह निर्णय स्थानीय प्रशासन से सलाह लेने के बाद उचित समय पर किया जाएगा।”
उन्होंने स्वीकार किया कि शिक्षा, स्वास्थ्य और सूचना में इंटरनेट सेवा की प्रमुख भूमिका है, लेकिन प्राथमिकता राष्ट्रीय सुरक्षा को देनी है।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के एक सवाल के जवाब में शाह ने कहा कि सुरक्षा कारणों से जम्मू एवं कश्मीर में पहले भी इंटरनेट सेवा पर प्रतिबंध लग चुका है, लेकिन उन्होंने आश्वासन दिया कि स्थिति सुधरते ही सेवा बहाल कर दी जाएगी।
इंटनरेट सेवा के अलावा, आजाद ने राज्य में शिक्षा का मुद्दा भी उठाया। इसी साल पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए हटाए जाने के बाद से राज्य में शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हुई है।
जम्मू एवं कश्मीर में धारा 144 लागू किए जाने के मुद्दे पर शाह ने कहा कि यह धारा कुछ थाना क्षेत्रों में सिर्फ सीमित समय शाम आठ बजे से सुबह छह बजे तक लागू है।
उन्होंने कहा, “कुल 195 पुलिस थानों में से एक में भी धारा 144 लागू नहीं है। यह पूरी तरह से हटा दी गई है। एहतियातन यह शाम आठ बजे से सुबह छह बजे तक लगाई जाती है, वह भी चुनिंदा पुलिस थानों के क्षेत्रों में।”