भारत व इजरायल के बीच में रिश्ते काफी मजबूत हो रहे है। लेकिन संयुक्त राष्ट्र में यरूशलम मुद्दे पर भारत ने इजरायल व अमेरिका के खिलाफ जाकर फिलीस्तीन के पक्ष में मतदान किया था। अब इस पर भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कार्मोन ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र का कोई भी वोट यरूशलम की स्थिति को नहीं बदल सकता है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यरूशलम को इजरायल की राजधानी घोषित की थी लेकिन इसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र महासभा में मतदान किया गया जिसमें अमेरिका व इजरायल को करारा झटका लगा है।
भारत में इजरायल के राजदूत डेनियल कार्मोन ने ट्वीट करते हुए कहा कि “यरूशलम हमेशा से इजरायल की राजधानी थी, वर्तमान में है और भविष्य में भी रहेगी। संयुक्त राष्ट्र का कोई भी वोट यरूशलम पर इजरायल की स्थिति को परिवर्तित नहीं कर सकता है। “
Jerusalem always was Capital of the Jewish people,is&will continue2be the capital of modern Israel.No vote@the @UN #UNGA can change that.
It is encouraging2see that more countries have not agreed yesterday2participate in the continuous politicized exercise of rewriting History https://t.co/a7pMR9WnJO— Daniel Carmon🇮🇱 (@danielocarmon) December 22, 2017
डेनियल कार्मोन ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ट्वीट को रिट्वीट भी किया। इजरायल के प्रधानमंत्री ने यरूशलम पर डोनाल्ड ट्रम्प व संयुक्त राष्ट्र में राजदूत निक्ली हेली के समर्थन पर आभार जताते हुए कहा कि वो संयुक्त राष्ट्र महासभा के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज करते है। साथ ही कहा कि यरूशलम इजरायल की राजधानी थी, है और भविष्य में भी रहेगी।
I do appreciate the fact that a growing number of countries refused to participate in this theater of the absurd. So I appreciate that, and especially I want to again express our thanks to @POTUS Trump and Ambassador Haley, for their stalwart defense of Israel and of the truth.
— Prime Minister of Israel (@IsraeliPM) December 21, 2017
गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र मे मतदान करने से पहले निक्की हेली ने अमेरिकी राष्ट्रपति की चेतावनी को दोहराया था। लेकिन इसके बावजूद भी भारत समेत कुल 128 देशों ने यरूशलम पर ट्रम्प के फैसले को खारिज करने वाले प्रस्ताव के समर्थन में मतदान किया। 9 देशों ने ट्रम्प के समर्थन में मतदान किया और 35 देशों ने मतदान से दूरी बनाए रखी थी।
गौरतलब है कि वर्तमान में भारत व इजरायल के बीच में बेहतरीन संबंध है। इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अगले साल भारत के दौरे पर आने वाले है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी इस साल जुलाई में इजरायल यात्रा पर गए थे जहां पर मोदी ने फिलीस्तीन को छोड़ दिया था।