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    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार

    अंतर्राष्ट्रीय संघठन के समक्ष पाकिस्तान के कश्मीर विवाद उठाने पर भारत ने इस्लामाबाद को फटकार लगाई हैं। भारत ने विरोध दर्ज करते हुए कहा कि इस्लामिक सहयोगी संघठनो (ओआईसी) को भारत के आंतरिक मसलो में दखल देने को अधिकार नहीं है।

    देश को अपनी सरजमीं पर आतंकियों को पनाह देता है उसे हमारे आंतरिक मसलों हस्ताक्षेप नहीं करना चाहिये। इस अंतर्राष्ट्रीय संघठन में 57 सदस्य देश है।

    ओआईसी की स्थापना साल 1969 में हुई थी। इस संघठन का प्राथमिक मकसद शांन्ति और समरसता का प्रचार करना था। विशेष तौर पर मुस्लिम बहुसंख्यक देशों में शांति और स्थिरता बनाये रखना इस संगठन का अहम उद्देश्य था।

    विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत समझता है कि ओआईसी इस मसले पर चिंतित है लेकिन भारत को बेहद अफसोस है कि इतने आंतरिक मुद्दे पर एक बार फिर संघठन में विचार- विमर्श किया गया। उन्होंने कहा नई दिल्ली ऐसे संदर्भो को नकारती है जो भारत के आंतरिक मसलों को उजागर करे।

    पाकिस्तान ने ओआईसी के समक्ष कश्मीर विवाद का मुद्दा उठाया था और आरोप लगाया कि भारत राज्य में रहने वाले स्थानीय लोगों पर अत्याचार कर रहा है। इस वर्ष पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय संघठनो के सामने कश्मीर विवाद को उठाने की रणनीति है।

    बीते जून में पाकिस्तान ने ओआईसी की ढाका में हुई बैठक में भारत को नीचा दिखाने के लिए कश्मीर विवाद का राग अलापा था। इस बैठक के आखिरी में 39 प्रस्तावों में से मात्र एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।

    भारत कई बार बता चुका है कि जम्मू-कश्मीर भारत का आंतरिक मसला है और किसी भी देश को इसमें दखल देने का अधिकार नहीं है। रविश कुमार ने कहा कि भारत के आंतरिक मसले को संघठन के सामने उठाना पूर्ण रूपसे अनुचित है।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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