संयुक्त राष्ट्र, 8 मई (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने पराजित आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) के पलायन कर रहे विदेशी लड़ाकों से बड़े वैश्विक खतरे की चेतावनी दी है और कहा कि इन्हें रोकना एक बड़ी वैश्विक प्राथमिकता होनी चाहिए।
गुटेरेस ने मंगलवार को ‘यूएन काउंटरिंग टेररिस्ट ट्रैवल प्रोग्राम’ (सीटीटीपी) के लॉन्च के मौके पर कहा, “इन लोगों के साथ-साथ वे जो इन्हें प्रेरित करते हैं, एक बड़े अंतर्राष्ट्रीय खतरे का प्रतिनिधित्व करते हैं।”
उन्होंने कहा, “इन आतंकवादियों के किसी भी तरह के हमले को अंजाम देने से पहले इनका और अन्य ज्यादा खतरनाक अपराधियों का पता लगाना और नाकाम करना अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के लिए बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।”
उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “कई अच्छी तरह से प्रशिक्षित हैं और भविष्य में आतंकवादी हमलों को अंजाम दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आकलन के अनुसार, दो साल पहले संभवत: 110 से अधिक देशों के 40,000 से अधिक विदेशी आतंकवादियों ने आतंकवादी समूहों में शामिल होने के लिए सीरिया और इराक की यात्रा की थी। आईएस के पतन के साथ उनमें से कई अपने घर लौट रहे हैं या अन्य सुरक्षित ठिकानों में बस रहे हैं।
श्रीलंका के स्थायी प्रतिनिधि रोहन पेरेरा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि ये आतंकवादी जिन्होंने अपने क्षेत्र खो दिए हैं, वे कहीं और अपना वर्चस्व स्थापित करने की जुगत में हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने ईस्टर के दिन श्रीलंका में हुए आत्मघाती हमलों की जिम्मेदारी आईएस के दो सहयोगियों ने ली थी और दो स्थानीय समूहों नेशनल तौहीद जमात और जमात मिलात इब्राहम के आईएस से लिंक को लेकर जांच की जा रही है।
गुटेरेस ने आंतकवाद से निपटने के कार्यक्रमों को लगातार समर्थन देने के लिए भारत का आभार जताया।
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इस कार्यक्रम के तहत संयुक्त राष्ट्र अत्याधुनिक सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराएगा जो देशों की सीमाओं पर आतंकवाद के संदिग्धों को ट्रैक करने में मदद करने के लिए यात्रा डेटा का विश्लेषण करने में सक्षम है।