संयुक्त अरब अमीरात के राज्य रक्षा मंत्री मोहम्मद अहमद अल फलासी मंगलवार को भारत दौरे पर हैं। वह रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स व भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड का दौरा कर वापस वतन लौट जायगे।
भारत और यूएई रेगिस्तानी क्षेत्रों के अभियानों में सुधार के लिए साझा सैन्याभ्यास के विस्तार करने पर विचार कर रहे हैं। यूएई हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा बनाये गए हलके तेजस एयरक्राफ्ट में दिलचस्पी दिखा रहा है।
यूएई के अलावा श्रीलंका, सिंगापुर और मिस्र भी इस लड़ाकू विमान को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं लेकिन एचएएल सर्वप्रथम भारतीय वायु सेना की मांगों को पूर्ण करना चाहती है। वायु सेना ने 123 तेजस लड़ाकू विमानों की मांग की है। आईएएफ 200 तेजस मार्क 2 की भी मांग कर रही है बहरहाल इस प्रोजेक्ट में काफी विलम्ब हो चुका है।
इस माह के शुरुआत में वायु सेना के प्रमुख बीएस धनोवा ने कहा था कि एचएएल जंगी विमान सू-30, मिरगेस और एलसीए की पूर्ति करने में जरूरत से ज्यादा समय लिया है। दोनों राष्ट्रों के रक्षा मंत्री इस दौरान रक्षा सहयोग के मुद्दे और अन्य प्राथमिक सहयोगी क्षेत्रों के विषय में बातचीत करेंगे।
भारत और रूस साझेदारी कर ब्रह्मोस मिसाइल विकसीत कर रहे हैं। यह मिसाइल सेना के लिए नहीं बल्कि रणनीतिक सहयोगियों को मुहैया की जाएगी। हाल ही में चीन ने भी ब्रह्मोस की तरह एचडी -1 मिसाइल का परिक्षण किया है। सूत्रों के मुताबिक पाक्सितान इस मिसाइल रक्षा प्रणाली को खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहा है।