हाल ही में महाराष्ट्र के विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात कर लोगों को चौंका दिया था। इस मुलाकात के बाद उठ रहे नए राजनीतिक समीकरण और ‘ऑपरेशन कमल’ की चर्चा को विराम देने का प्रयास संपादक और शिवसेना सांसद संजय राउत कर रहे हैं। विपक्ष को संकट काल में किस तरह से पेश आना चाहिए, इसका सटीक मार्गदर्शन लेने के लिए फडणवीस ने पवार से मुलाकात की होगी। फडणवीस ने उत्तम विपक्षी नेता की भूमिका निभाई तो राजनीति में उनका कद बढ़ेगा ऐसी सलाह भी राउत दे रहे है।
हालांकि राउत का कहना है कि शरद पवार उन चुनिंदा नेताओं में से हैं जिन्हें राजनीति के परे देखना चाहिए। शरद पवार को फिलहाल आराम की जरूरत है लेकिन उनके चहेते और विपक्ष उन्हें आराम करने नहीं दे रहे ये बताने से भी राउत नहीं चूके।
महाराष्ट्र के मुखपत्र सामना में लोकतंत्र का उदाहरण देते हुए लिखा है कि “महाराष्ट्र में शिवसेना प्रमुख बाला साहेब ठाकरे का आशीर्वाद लेने के लिए सभी दलों के लोग ‘मातोश्री’ जाते थे।कुछ नेताओं को राजनीति से परे जाकर देखना चाहिए और आज श्री शरद पवार उनमें से ही एक प्रमुख नेता हैं। इसका कोई और मतलब निकालने की जरूरत नहीं, इस मुलाकात से फडणवीस को निश्चित ही सकारात्मक ऊर्जा मिली होगी।
साथ ही विपक्ष को आगाह करते हुए राउत ने लिखा की
महाराष्ट्र सो रहा हो तब सरकार गिराई जाए, इस एकमात्र ध्येय के लिए विपक्ष काम कर रहा है और फडणवीस के अन्य सहयोगी ऐसा बयान रोज दे रहे हैं। शरद पवार ने भी कई सरकार बनाई और गिराई होगी, लेकिन आज का विपक्ष जिस तरीके से पेश आ रहा है, उस पर श्री पवार ने फडणवीस को निश्चित ही चार युक्ति की बातें कही होंगी। कोई भी हमेशा के लिए सत्ता में नहीं टिक पाता है।
सामना में आगे लिखा है की सत्ता का अमरपट्टा लेकर कोई भी नहीं आया, राम-कृष्ण भी आए-गए। देश और राज्य पर संकट बड़ा है, उत्तर प्रदेश, बिहार में गंगा में लाशें तैर रही है, बह रही हैं। इस परिप्रेक्ष्य में महाराष्ट्र की स्थिति निश्चित नियंत्रण में है। पवार-फडणवीस मुलाकात में रहस्य ऐसा कुछ भी नहीं। किसी को उसमें रहस्यमय आदि लग रहा है तो वो पवार को जानते नहीं हैं।