रामजन्मभूमि मुद्दे पर आए फैसले के बाद अब विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) अपनी भविष्य की भूमिका तय करके अपनी ताकत बढ़ाने जा रही है। विहिप के रणनीतिकार चाहते हैं कि राममंदिर अपने मुकाम तक पहुंच गया, और इससे बने माहौल को संभालना भी बड़ी जिम्मेदारी है।
इसीलिए वे हितचिंतक अभियान चलाकर अपने संगठन को और मजबूत करना चाहते हैं। विहिप प्रवक्ता शरद शर्मा ने आईएएनएस को बताया, “हितचिंतक अभियान अवध प्रांत में शुरू हो गया है। यह सदस्यता अभियान के तरीके से चलता है। इसमें एकत्र धनराशि को संगठन अपने आंदोलनों और कार्यक्रमों में खर्च करता है, जिसका पूरा हिसाब-किताब रखा जाता है।”
उन्होंने बताया, “गोरखपुर प्रांत में यह अभियान 25 नवम्बर से 10 दिसम्बर तक चलेगा। काशी और कानपुर प्रांत में इसे एक दिसम्बर से 15 दिसम्बर तक चलाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। इस अभियान के माध्यम से विहिप हर परिवार में जाने का प्रयास करती है। उनसे अपने संगठन के बारे में बताती है।”
शर्मा ने बताया कि अभी लोगों में तात्कालिक निर्णय के बाद काफी उत्साह देखने को मिल रहा है और बहुत ज्यादा संख्या में लोग संगठन से जुड़ रहे हैं।
सूत्रों के मुताबिक, नई पीढ़ी विहिप की ओर अभी कम आकर्षित हो रही थी। उनमें हिन्दुत्व की अलख जगाने के लिए विहिप काफी दिनों से प्रयास में थी। लेकिन सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद भावी पीढ़ी से समर्थन की एक आस विहिप के अंदर जगी है। इसीलिए हितचिंतक अभियान के माध्यम से वह भावी पीढ़ी को अपने साथ जोड़ने का प्रयास कर रही है।
विहिप के एक अन्य पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि “इस अभियान के माध्यम से हमारा संगठन हिन्दू परिवारों में खासकर नौजवानों को जोड़ने का प्रयास करेगा। जो परिवार जुड़ेगा, उससे राममंदिर आंदोलन के इतिहास में विहिप की भूमिका के बारे में अवगत कराया जाएगा। साथ ही धर्मांतरण, छुआछूत, गोरक्षा, कुछ संगठनों द्वारा हिन्दू समाज को बांटने की साजिश के बारे में आगाह किया जाएगा।”