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    श्रीसंत

    श्रीसंत के ऊपर बीसीसीआई ने साल 2013 आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के लिए आजीवन प्रतिबंध लगाया था। जिसे आज  सुप्रीम कोर्ट ने निरस्त कर दिया है, जिसके बाद श्रीसंत ने कहा है, ” अगर लिएंडर पेस 42 की उम्र में ग्रेंड स्लैम जीत सकते है, तो मैं भी 36 की उम्र में थोड़ा क्रिकेट खेल सकता हूं।”

    श्रीसंत के साथ मुंबई के स्पिनर अंकित चवन और हरियाणा के अजीत चंढीला के ऊपर बीसीसीआई की अनुशासनात्मक समिति ने 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के लिए आजीवन प्रतिबंध लगाया था। यह एक ऐसा निर्णय था जिसे खिलाड़ी ने अदालत में चुनौती दी थी।

    शुक्रवार को शीर्ष अदालत द्वारा एक अनुकूल फैसले के बाद पीटीआई से बात करते हुए, श्रीसंत ने कहा: “मुझे नहीं पता कि इन सभी वर्षों के बाद मेरे लिए जीवन में क्या है। यह छह साल है और मैंने क्रिकेट नहीं खेला है, जो मेरा जीवन था।”

    2007 और 2011 विश्वकप विजेता टीम के खिलाड़ी रह चुके श्रीसंत ने कहा, ” मैं उम्मीद करता हूं की बीसीसीआई देश के सबसे बड़े न्यायालय के फैसले का सम्मान करेगी और मुझे कम से कम क्रिकेट के मैदान में वापसी करने की अनुमति देगी। मुझे उम्मीद है कि कम से कम अब मैं एक स्कूल क्रिकेट मैदान तक चल सकता हूं और वहां बिना किसी प्रशिक्षण के यह बता सकता हूं कि मुझे खेलने की अनुमति है। मैं अब बस खेलना चाहता हूं चाहे फिर वह किसी भी प्रकार की क्रिकेट हो।

    लेकिन उम्र कुछ ऐसी चीज नहीं है जो उन्हें लगता है कि प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी करने की कोशिश में एक कारक होगा।

    श्रीसंत जिन्होने 27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी-20 मैचो में टीम का प्रतिनिधित्व कर रखा है उन्होने कहा, “आपकी उम्र उतनी ही है जितनी आप महसूस करते हैं। मैं फिर से स्कॉटलैंड में क्लब क्रिकेट खेलना चाहूंगा। मैं पिछले साल भी खेलना चाहता था लेकिन इसके लिए मुझे अनुमति नही दी गई थी। मैंन अबतक इंग्लैंड के लिए क्लब-क्रिकेट नही खेला है और ना ही छह साल से घेरलू क्रिकेट खेला है।”

    श्रीसंत ने अपने “बुरे दिनों” के लिए कहा, यह उनके माता-पिता, पत्नी भुवनेश्वरी, ससुराल वालों और उनके वफादार प्रशंसकों के प्रति अटूट विश्वास था, जो उन्हें चलते यहा तक लेकर आए।

    श्रीसंत ने कहा जो अभी भी कुछ भारतीय खिलाड़ियो के साथ संपर्क में है, “मैं अपने ससुराल वालों, शेखावतों को धन्यवाद देना चाहता हूं। उन्होने मेरे ऊपर विश्वास किया और अपनी बेटी का हाथ मेरे हाथ में दिया जब विश्व में कोई भी कोई भी व्यक्ति मेरा विश्वास नही करना चाहता था। मेरे माता-पिता ने इन सालो में बहुत कुछ देखा है। मेरा विश्वास करो यह छह साल मेरे लिए आसान नही थे।”

    उन्होने कहा, ” हां, मुझे अभी भी कुछ खिलाड़ियो के मैसेज औऱ क़ॉल आते है। हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और सुरेशा रैना के साथ मैं अभी भी संपर्क में हूं। मैं अभी भी रॉबिन उथप्पा अपने प्यारे दोस्त से रोजाना बात करता हूं।”

    श्रीसंत ने आगे कहा, ” “इन सभी वर्षों में, मैं अक्सर बैठकर सोचता था कि मुझे अपने बच्चों को क्या बताना चाहिए और एक पिता के रूप में मेरे बारे में उनका क्या विचार होगा। लेकिन अब वह जब बड़े होंगे में उन्हे बता सकता हूं की उनके पापा की सबसे बड़ी मजबूत कभी हार ना मानना है।”

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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