इस्लामिक स्टेट समूह के सरगना ने ईस्टर फियादीन हमले की सराहना की है जिसमे 250 से अधिक लोगो की हत्या हुई थी। सोमवार को श्रीलंका में जारी वीडियो में आतंकवादी ने कहा कि आतंकवादियों को अपने दुश्मनो के लिए काँटा होना चाहिए। पांच वर्षों के बाद आईएस का आतंकी एक वीडियो में नजर आया है।
अबू बक्र अल बग़दादी की वीडियो में वह आतंकी फियादीन हमलावरों को वफादारी की शपथ ग्रहण करवा रहा था।कैथोलिक चर्च के आला अधिकारी ने श्रीलंका में इस्लामिक चरमपंथियों पर कड़ी कार्रवाई का आग्रह किया है। सरकार ने हाल ही में सरकार ने नक़ाब और बुर्क़े पर पाबन्दी लगा दी थी क्योंकि श्रीलंका की पुलिस और अधिकारी पूर्वी इलाके में छापेमारी की थी।
18 मिनट की वीडियो में अल बग़दादी एक कमरे में तीन अन्य लोगो के साथ बैठा था और उसके बगल में राइफल्स राखी थी। वह श्रीलंका के बीरे में चर्चा कर रहे थे। 21 अप्रैल के हमले के बाद इसे फिलमाया गया था। अल बगदादी ने हमलावरों की सराहना की थी और कहा कि श्रीलंका में विस्फोट सीरिया के बाघोज का बदला है, यह आईएस के चरमपंथियों की इराक में आखिरी ठिकाना था।
अमेरिकी स्थित साइट इंटेलिजेंस ग्रुप के मुताबिक, अल बगदादी ने कहा कि “श्रीलंका में अपनी भाइयों की ख़ुशी के लिए उन्होंने सभी को इस कृत्य से खुश कर दिया कि ईस्टर के अपराधियों को उन्ही के घर में ही मार डाला था। साथ ही उसने श्रीलंका में अपराधियों यानी ईसाई समुदाय के दिलो में आतंकिवादियों को काँटा कहा था।”
विभागों ने शुरुआत में ईस्टर हमले का जिम्मेदार स्थानीय चरमपंथ मोहम्म्मद ज़हरान और उसके प्रशंसकों को ठहराया था। इसके बाद 23 अप्रैल को इस्लामिक स्टेट ने ज़हरान और अन्य की अल बगदादी जे प्रति वफादरी की तस्वीरें जारी की थी।विभागों द्वारा बरामद किये गए विस्फोटकों में आईएस का हॉलमार्क था।
कोलोंबो के आर्कबिशप और कैथोलिक चर्च के आला धिकारी कार्डिनल मैकलम रंजीत ने कहा कि “अगर सरकार अधिक नहीं कर सकती है तो वह लोगो को कानून अपने हाथो में लेने से नहीं रोक सकते हैं।सभी सुरक्षाकर्मियों को इसमें युद्ध स्तर की तरह शामिल होना चाहिए और कार्य करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि “मज़बूत सुरक्षा प्रणाली की गैर मौजूदगी में हम लोगो को नियंत्रण में रखने में सक्षम नहीं है। हम हमेशा उन्हें झूठे वादे और उन्हें शान्त नहीं कर सकते हैं। हालाँकि उन्होंने मुस्लिमों को सुनिश्चित किया कि चर्च उनके खिलाफ कोई प्रतिक्रिया नहीं करेगा।” वांशिगटन ने आगाह किया कि अभी भी श्रीलंका में पूजा स्थल चरमपंथियों के निशाने पर है।