Tue. Nov 5th, 2024
    मुस्लिम मंत्री

    श्रीलंका में ईस्टर हमले के बाद सांप्रदायिक तनाव बढ़ता जा रहा है और सरकार राष्ट्र में मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा की गारंटी को पूरा करने में असमर्थ रही है। इसके बाद श्रीलंका के सभी कैबिनेट, राज्य और डिप्टी मंत्रियों ने अपनी पद से इस्तीफा देने का निर्णय लिया है।

    मंत्रियों का इस्तीफा

    न्याय एवं कैद सुधारो के मंत्री राउफ हकीम ने टेम्पल ट्री में जनता को सम्बोधित करते हुए कहा कि “वह उत्तर जीविता के लिए सरकार का समर्थन करने जारी रखेंगे। मंत्री ने कहा कि “हम सरकार के उत्तरजीविता में सहायता करेंगे लेकिन यह जांच का उचित तरीके से आयोजन और सभी के साथ समानता से न्याय करने पर निर्भर होगी।”

    उन्होंने कहा कि “अगर हमारे मंत्रियों का पद बीच में आता है तो हम अपने समुदाय की सुरक्षा के लिए त्याग करने के इच्छुक है।” उनके मुताबिक कैबिनेट मंत्री कबीर हासिम, एमएचए हलीम और रिषद बातहीउद्दीन, राज्य मंत्री फैज़ल कासिम, एचएचएम हरीश, अमीर अली शिहाब्दीन और सईद अली जहीर मौलाना और उपमंत्री अब्दुल्लाह महरूफ ने त्यागपत्र देने का निर्णय लिया है।

    हाल ही में कट्ठरपंथी बौद्ध संतो ने सरकार को सभी प्रान्ती मुस्लिम गवर्नरो और मंत्रियों को हटाने के लिए समयसीमा दी थी। बौद्ध संत गालगोदा अठ्ठे गणनासरा पर मुस्लिमो के खिलाफ घृणित अपराधों को अंजाम देने के लिए भड़काने के आरोप है। बीते माह राष्ट्रपति की माफ़ी के बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया था।

    सांप्रदायिक हिंसा

    बौद्ध संतो के नेतृत्व में हज़ारो लोगो ने सुबह देश के मध्य में स्थित शहर कैंडी में प्रदर्शन किया था इसके बाद नौ मंत्रियों और दो प्रांतीय गवर्नरों के इस्तीफे का ऐलान किया गया था। तीन सप्ताह पूर्व श्रीलंका के उत्तरी पश्चिमी प्रान्त में हिंसा काफी बढ़ गयी थी। सैकड़ों मुस्लिमों की संपत्ति को नुकसान पंहुचाया गया और एक की हत्या कर दी गयी थी।

    हकीम ने कहा कि “अगर उनमे से कोई भी इस अपराध का दोषी साबित होता है तो वह सज़ा भुगतने को तैयार है और बेकसूर लोगो को इसकी सज़ा नहीं दी जानी चाहिए। लेकिन आज क्या हो रहा है, मासूम लोगो को निशाना बनाया जा रहा है और आज वह पीड़ित बनते जा रहे हैं। यह सच है कि 21 अप्रैल को हुई वारदात में हमारे समुदाय के लोग भी थे लेकिन हम पहले दिन से ही सत्य को उजागर करने में प्रवर्तन एजेंसियो के साथ थे।”

    उन्होंने कहा कि “हम भारी शोषण से जूझ रहे हैं। कई लोगो को छोटे मामलो में ही जेल में डाल दिया गया है। हमारी सरकार से जांच को पूरी करने की अपेक्षा है।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *