श्रीलंका में ईस्टर रविवार को सिलसिलेवार तरीके से हुए आतंकी हमलो के बाद देश में सुरक्षा माहौल काफी तनावग्रस्त है। राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने आपातकाल की समयसीमा को एक महीने के लिए और बढ़ा दिया है। इस भयावह बम धमाकों में 260 से अधिक लोगो की मौत हुई थी।
राष्ट्रपति ने जन सुरक्षा के हवाले से विशेष अधिसूचना के जरिये देश में आपातकाल के दौर को एक महीने के और बढ़ाने का ऐलान किया था। इसके तहत आपातकाल कानूनी पुलिस और सैन्य बलों को बगैर अदालत के इजाजत के संदिग्धों को गिरफ्तार करने, हिरासत में लेने और पूछताछ करने की ताकत होती है।
21 अप्रैल को हुए आतंकी हमले देश के चर्चों और आलिशान होटलो पर हुए थे। इस हमले को नौ फियादीन हमलावरों ें अंजाम दिया था। इस नौ आतंकियों की खोज के लिए देश में 23 अप्रैल को इमरजेंसी लगा दी गयी थी। इसमें 250 से अधिक लोगो की मृत्यु हुई थी जबकि 500 से ज्यादा लोग बुरी तरह घायल हुए थे।
आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली थी लेकिन सरकार ने दो स्थानीय इस्लामिक समूहों को जिम्मेदार ठहराया था। पुलिस ने अभी तक 80 लोगो की गिरफ्तारी की है। श्रीलंका ने भारी बमबारी से पूर्व भारतीय ख़ुफ़िया विभाग ने सूचना को साझा किया था। हालाँकि सुरक्षा अधिकारी सूचना पर कार्य करने में असफल साबित हुए हैं।
श्रीलंका की सरकार ने हमले के बाद व्हाट्सअप, फेसबुक और यूट्यूब जैसे कई सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया था ताकि अफवाहों के प्रसार को रोका जा सके। हाल ही में भीड़ ने मस्जिदों और मुस्लिम और मुस्लिमो की दुकानों पर पत्थर फेंके थे। इस शहर के निवासियों में अधिकतर ईसाई लोग रहते हैं।
श्रीलंका में बहुल सिंहली बौद्धों और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा हुई थी और इसके बाद भी सोशल मीडिया को बंद कर दिया गया था।