श्रीलंका में प्रधानमंत्री पद की खींचतान का अंतराल बढ़ जा रहा है। इस राजनीतिक संकट के रचियता राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने रविवार को सियासी दलों के नेताओं से मुलाकात की थी। राष्ट्रपति ने पूर्व प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी थी।
रानिल विक्रमसिंघे दावा करते हैं की वह अभी भी प्रधानमंत्री पद पर बरकरार है क्योंकि संसद में दो दफा राजपक्षे के खिलाफ वोटिंग हुई थी। राष्ट्रपति कार्यालय ने सूचना जारी कर बताया कि राष्ट्रपति सिरिसेना ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी। उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति ने इस मुलाकात में श्रीलंका के राजनीतिक संकट और विवादित हालातों को लेकर चर्चा की साथ ही संसद की सामान्य प्रक्रिया चालू रखने के बाबत अनुमति दी थी।
हाल ही में संसद में विवादित प्रधानमंत्री राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पारित करने पर विपक्षी दल के समर्थकों ने सदन में जमकर हंगामा मचाया था। राजपक्षे के वफादारों ने सदन में अध्यक्ष पर मिर्ची पाउडर, फर्नीचर और अन्य सामान फेंके, जिससे सदन में गतिरोध बढ़ गया था।
शुक्रवार को महिंदा राजपक्षे के खिलाफ दूसरी दफा अविश्वास प्रस्ताव पारित होने के बाद रानिल विक्रमसिंघे ने मांग की, कि उन्हें वापस सरकार बनाने की अनुमति दी जाए। हालांकि इस बाबत राष्ट्रपति सिरिसेना ने कोई जवाब नहीं दिया है। पूर्व पीएम विक्रमसिंघे ने कहा कि श्रीलंका को स्थिरता चाहिए और इसके लिए वह सिरिसेना के साथ कार्य करने को तैयार हैं।
रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त करने के बाद राष्ट्रपति ने संसद को भंग कर दिया था। हालांकि शीर्ष न्यायालय ने राष्ट्रपति को आदेश दिया था कि सदन को दोबारा बहाल किया जाए। गरुवार को संसद के अध्यक्ष कारू जयसूर्या ने कहा कि वह किसी को श्रीलंका का प्रधानमंत्री नहीं मानते हैं और श्रीलंका में फिलहाल किसी की सरकार नहीं होगी. श्रीलंका के विभाग के मुताबिक ऐसे हालातों से कोलोंबो का पर्यटन क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।