श्रीलंका में राजनीतिक घमासान की रोजाना कोई नई सूचना आती रहती है। ख़बरों के मुताबिक रानिल विक्रमसिंघे दोबारा प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। यूनाइटेड नेशनल फ्रंट के एक वरिष्ठ मंत्री ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि रानिल विक्रमसिंघे रविवार को दोबारा प्रधानमन्त्री पद की शपथ लेंगे। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका की कमान सौंपने का निर्णय ले लिया है।
ख़बरों के अनुसार यह निर्णय राष्ट्रपति की संसद के अपाकर करू जयसूर्या और रानिल विक्रमसिंघे के साथ बैठक के दौरान लिया गया था। महिदा राजपक्षे के पुत्र नमल राजपक्षे ने बताया कि राष्ट्र की स्थिरता क लिए पूर्व राष्ट्रपति सत्ता त्यागने को तत्पर है। उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे कल राष्ट्र को संबोधित करने के बाद प्रधानमन्त्री पद से त्यागपत्र देंगे।
राष्ट्रपति ने हाल ही में कहा था कि वह दोबारा रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमन्त्री पद पर स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि वह खुद विक्रमसिंघे को प्रधानमन्त्री पद की दोबारा शपथ दिलाएंगे।
विषय-सूचि
महिंदा राजपक्षे पर पाबन्दी
9 नवम्बर को संसद को भंग करने से सम्बंधित राष्ट्रपति के खिलाफ अदालत में 13 याचिका दायर की गयी थी। राष्ट्रपति ने कार्यकाल पूर्ण होने के 20 माह पूर्व ही सदन को भंग कर दिया था। सुनवाई के दौरान उपस्थित वकील ने बताया कि महिंदा राजपक्षे और उनकी विवादित सरकार को प्रधानमंत्री, मंत्री और कैबिनेट मंत्री की तरह कार्य करने पर पाबंदी लगा दी है।
बीते कल राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने कहा था कि वह सोमवार को देश के नए प्रधानमन्त्री का चयन करेंगे, श्रीलंका के लिए यह एक राहत की खबर है। राष्ट्रपति ने कहा कि वह सोमवार को नया पीएम चुनेंगे लेकिन वह रानिल विक्रमसिंघे को दोबारा प्रधानमंत्री की कुर्सी पर स्वीकार नहीं करेंगे।
अदालत ने संसद भंग करना बताया असंवैधानिक निर्णय
गुरुवार को श्रीलंका की शीर्ष अदालत ने राष्ट्रपति के संसद भंग करने के निर्णय को असंवैधानिक करार दिया। राष्ट्रपति के इस विवादित फैसले से राष्ट्र को संवैधानिक संकट से जूझना पड़ा था। शीर्ष अदालत की सात सदस्य पीठ ने कहा कि जब तक संसद साढ़े चार साल पूर्ण न कर दें, राष्ट्रपति सदन को भंग नहीं कर सकते हैं। राष्ट्रपति ने सदन को भंग कर 5 जनवरी को दोबारा चुनाव का ऐलान किया था।