श्रीलंका में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है। हाल ही में विवादित प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के खिलाफ ध्वनिमत से अविश्वास प्रस्ताव पारित कर दिया गया था। श्रीलंका की संसद में तीन दिन बाद दोबारा राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा।
राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने ट्वीट कर कहा कि मैं सभी सांसदों से आग्रह करता हूं कि संसद की गरिमा और लोकतंत्र के सिद्धांत को बनाये रखे। उन्होंने कहा कि मैं किसी भी हालात में संसद को भंग नही करूंगा।
बीते माह राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रानिल वीक्रमसिंघे की पार्टी से नाता तोड़कर उन्हें प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री की गद्दी सौंप दी थी। साथ ही राष्ट्रपति ने संसद को भी भंग कर दिया था।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद राष्ट्रपति ने दोबारा संसद को बहाल करने को कहता लेकिन पार्टी बैठक के बाद उन्होंने दोबारा सदन को भंग कर 5 जनवरी को चुनाव का ऐलान कर दिया था।
पीएम वीक्रमसिंघे के समर्थक इस मसले को अदालत में लेकर गए जहां जज ने राजपक्षे के खिलाफ फैसला सुनाया था। अदालत ने कहा कि मैत्रीपाला सिरिसेना को संसद भांग करने अधिकार नहीं है और उन्हें दोबारा सदन को बहाल करना चाहिए। साथ ही अदालत में आयोजित चुनावों को रद्द कर दिया था।