श्रीलंका में राजनीतिक संकट के बीच नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने बयान दिया कि संसदीय चुनाव कराये जाए। उन्होंने कहा देश की उभरती आर्थिक और राजनीतिक संकट के बचने के लिए जनता को मत देने की अनुमति दी जाये। प्रधानमंत्री पद पर आसीन होने के बाद पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे का यह पहला बयान है।
महिंदा राजपक्षे ने कहा कि सभी दलों के नेता और सांसद प्रांतीय चुनावों के लिए मुझसे जुड़े ताकि संसदीय चुनावों को जल्द संपन्न करा दिया जाए। महिंदा राजपक्षे तीन वर्ष पश्चात् सत्ता में वापस लौटे हैं। तीन वर्ष पूर्व रानिल विक्रमसिंघे और राष्ट्रपति मैत्रीपला सिरिसेना ने गठबंधन से सरकार बनाई थी।
राष्ट्रपति सिरिसेना के दल ने रनिल विक्रमसिंघे से समर्थन वापस लेकर सरकार गिरा दी और संसद को 16 नवम्बर तक ले लिए भंग कर दिया था। महिंदा राजपक्षे ने पूर्व प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे पर आरोप लगाया कि रूपए में दिन ब दिन गिरावट आ रही है। रेटिंग एजेंसी श्रीलंका को निचले पायदान पर रख रही है।
महंगाई के लगातार बढ़ने के कारण जनता परेशान है। उन्होंने कहा कि मैत्रिपाला सिरिसेना ने मुझे प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित किया था। उन्होंने कहा कि आज हमारा देश इस वक्त अनिश्चितताओं से घिरा हुआ है।
मैत्रिपाला सिरिसेना ने प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे पर आरोप लगाया कि उनकी हत्या की धमकियों के बावजूद जांच इतनी धीमी चल रही है। हाल ही में केरल के एक व्यक्ति नमल कुमार ने मैत्रीपला सिरिसेना और रक्षा मंत्री की साजिश रचने की धमकी दी थी।
रनिल विक्रमसिंघे ने आरोप लगे कि उन्हें अवैध और गैर कानूनी तरीके से सत्ता से बेदखल किया गया है। उन्होंने कहा था कि वह संसद में बहुमत साबित कर सकते हैं। संसद के अध्यक्ष जयसूर्या ने कहा कि संसद को 16 नवम्बर तक भंग करना बेहद गंभीर और आवंछनिय है।
हाल ही में राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना ने संसद को भंग कर रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री पद से बर्खास्त कर दिया था और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण करवा दी थी।