श्रीलंका की सरकार ने सोमवार को व्हाट्सअप, फेसबुक और यूट्यूब जैसे कई सोशल मीडिया साइट्स पर प्रतिबन्ध लगा दिया है ताकि अफवाहों के प्रसार को रोका जा सके। हाल ही में चिलाव और कुलियापीटिया में हिंसा का दौर जारी था।
सोशल मीडिया पर फिर बैन
डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिम और ईसाई समुदाय के बीच संघर्ष के बाद पुलिस ने शहर और इसके आस पास के इलाको पर कर्फ्यू लगा दिया था। रविवार को भीड़ ने मस्जिदों और मुस्लिम और मुस्लिमो की दुकानों पर पत्थर फेंके थे। इस शहर के निवासियों में अधिकतर ईसाई लोग रहते हैं।
इस विवाद के दौरान एक व्यक्ति को भी बुरी तरह पीटा गया था। उस व्यक्ति ने फेसबुक पर भड़काऊ पोस्ट डालकर फसाद को बढ़ावा दिया था। पुलिस ने हिंसा को रोकने के लिए हवा में कई बार गोलीबारी की थी। 21 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद मुल्क में तनाव का दौर जारी है।
सिंहली और मुस्लिमो के बीच क्लैश
श्रीलंका में आईएसआईएस के आठ जगहों पर हुए विस्फोटक आतंकी हमले में 250 लोगो की मौत हो गयी थी और 500 से धिक् लोग बुरी तरह घायल हुए थे। ईस्टर हमले के बाद सोशल मीडिया पर पाबंदी पुलिस ने तीसरी दफा लगाई है। 6 मई को भी एक ही घटना देखने को मिली थी।
श्रीलंका में बहुल सिंहली बौद्धों और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा हुई थी और इसके बाद भी सोशल मीडिया को बंद कर दिया गया था। पुलिस ने रविवार को एक 47 वर्षीय धर्मप्रचारक को भी गिरफ्तार किया है जो सोशल मीडिया के जरिये अपनी चरमपंथी विचारधारा को प्रसार करता है।
वावुनिया का रहने वाला धर्मप्रचारक शनिवार को जब मक्का से हज कर श्रीलंका लौट रहा था, आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के दस्ते ने हवाईअड्डे पर पहुंचते ही उसे गिरफ्तार कर लिया।