श्रीलंका की सरकार ने शुक्रवार को मस्जिदों को चरमपंथियों पर शिंकजा कसने आदेश दिया है और साथ ही उपदेशों की प्रतियों की जमा करने के लिए कहा है। ईस्टर हमले के बाद श्रीलंकन सरकार ने हमलावरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के आदेश दिए है।
21 अप्रैल को जिहादी हमले के बाद श्रीलंका की सरकार काफी सजग है। हमलावरों ने तीन चर्चो और कोलोंबो के तीन होटलो पर हमला किया था जिसमे 250 लोगो की मृत्यु हो गयी थी और 500 से अधिक बुरी तरह घायल थे। मुस्लिम धार्मिक और सांस्कृतिक मामलो के मंत्रालय ने कहा कि “मस्जिदों का इस्तेमाल कट्टरपंथियों की सभाओं के नहीं होना चाहिए।”
मंत्रालय ने बताया कि “देश में प्रचलन के हालतो को देखते हुए मंत्रालय ने सभी मस्जिदों के ट्रस्टी को किसी भी प्रकार के चरमपंथ और नफरत फैलाने वाले भाषण का प्रचार करने वाली सभा के आयोजन की अनुमति न देने के निर्देश दिए हैं। मस्जिदों के परिसर में दिए जाने वाले उपदेशों की प्रतियों को सभी मस्जिदों को जमा करने होंगे।”
श्रीलंका के उग्रवादियों के इस्लामिक स्टेट से सम्बन्ध होने वाले समूह को 21 अप्रैल को हुए विस्फोट का जिम्मेदार ठहराया गया है। हमले के बाद सरकार ने समस्त राष्ट्र में छापेमारी की थी और कई संदिग्ध उग्रवादियों की हत्या कर दी थी। करीब 56 संदिग्ध आरोपी पुलिस की हिरासत में हैं जबकि विभागों ने 200 विदेशी मौलवियों को वीजा की समयसीमा खत्म होने के कारण निष्काषित कर दिया है।
सरकार ने हमले के बाद आपातकाल लागू कर दिया था और पुलिस और सुरक्षा बलों को इस्लामिक चरमपंथियों पर शिकंजा कसने का हुक्म दिया था। श्रीलंका की पुलिस के मुताबिक, उन्होंने हमले के जिम्मेदार सभी जिहादियों को गिरफ्तार या उनकी हत्या कर दी है हालाँकि हमले की अभी भी सम्भावना है।