भारत के फिशरमैन एसोसिएशन के प्रमुख ने गुरूवार को दावा किया कि तमिलनाडु के 3000 से अधिक मछुआरों का श्रीलंका की नौसेना पीछा कर रही है। उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना मछुआरो पर पत्थर फेंक रही है और 50 जहाजों के मछली पकड़ने वाले जालों झपटमार कर रही है।
रामेश्वरम फिशरमैन एसोसिएशन के अध्यक्ष पी सेसुराजा ने कहा कि उनके शहर और मंडपम इलाके के मछुवारे बुधवार सुबह 700 नावों के साथ समुन्द्र में गए थे। कत्चाथीवु के नजदीक मछली पकड़ने के दौरान श्रीलंका की नौसेना वहन पहुची और उन मचुअवारों को धमकाने लगी थी।
श्रीलंका की नौसेना ने 50 नावों के जाल को भी झपट लिया और मछुवारों के जाने से पहले उन पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए थे। उन्होंने कहा कि गुरूवार की सुबह सभी मछुवारे खाली हाथ वापस लौट आये हैं। अध्यक्ष ने केंद्र सरकार से दरख्वास्त की कि श्रीलंका की सरकार से बातचीत करे ताकि ऐसी घटना दोबारा घटित न हो।
भारत और श्रीलंका के मध्य साल 1974 में हुए समझौते के आधार पर अध्यक्ष ने दावा किया कि उन्हें कत्चात्थीवु में मछली पकड़ने का अधिकार है। इस समझौते के तहत श्रीलंका ने उस इलाके का थोड़ा सा भाग भारत को सौंप दिया था। मंगलवार को रामनाथपुरम और पुदुकोट्टई के 70 मछुआरों को श्रीलंका की नौसेना ने नेंदुथीवु में मछली पकड़ते हुए गिराफ्तार किया था।