श्रीलंका के प्रमुख सैन्य अधिकारी को गृह युद्ध के दौरान 11 तमील युवाओं की हत्या के जुर्म में गिरफ्तार कर लिया गया है। अधिकारी पर हत्याकांड को छिपाने का आरोप है। एडमिरल रविन्द्र विजेगुन्राटने सेना का एक वरिष्ठ अधिकारी था जिसे गृह युद्ध के दौरान नागरिकों के खिलाफ हिंसक रवैया अपनाया था।
न्यायाधीश ने अदालत में कहा कि मैं पूर्व एडमिरल को जमानत देने से इनकार करता हूँ, क्योंकि आप इस समय गवाहों और जांच को प्रभावित कर सकते हैं। रविन्द्र विजेगुन्राटने पर एक वरिष्ठ नौसेना के अधिकारी को संरक्षण देने आरोपों को नकारा है। इस नौसेना अधिकारी ने हत्याओं के सबूतों को मिटाने का कार्य था।
विजेगुन्राटने के खिलाफ इस माह तीन गिरफ्तारी के वारंट जारी किये गए लेकिन वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने आत्म समर्पण करने से इनकार कर दिया था। नौसेना अधिकारी को बाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। श्रीलंका में दशकों से चल रही जंग में वरिष्ठ अधिकारी पर गंभीर अपराध और नागरिकों के उत्पीड़न के आरोप है।
इस मामले के जांचकर्ताओं ने अदालत में बताया कि एडमिरल रविन्द्र विजेगुन्राटने ने इस हत्य्कांड के मुख्य आरोपी नौसेना अधिकारी को बचाने की कोशिश की है। नौसेना अधिकारी पर 20 वीं सदी के शुरूआती दशक में कई तमिलों की हत्या और उनने भगाने के आरोप है। इस जंग का अंत साल 2009 में हुआ और इन नागरिकों के शव कभी नहीं मिले थे।
एडमिरल ने नौसेना अधिकारी की मलेशिया फरार होने में मदद की थी, बीते अगस्त में श्रीलंका वापसी के दौरान उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। महिदा राजपक्षे की आलोचन करने वालेपत्रकारों की हत्या के आरोप भी कई अधिकारी झेल रहे हैं, राजपक्षे के कार्यकाल में अपराध और मानव अधिकार का उल्लंघन किया गया था।
हाल ही में श्रीलंका के राष्ट्रपति ने रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमन्त्री पद से बर्खास्त कर पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को पीएम की गद्दी सौंप दी थी। संसद में दो बार राजपक्षे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के बावजूद वह पद त्यागने के लिए तैयार नहीं है। महिंदा राजपक्षे के 10 साल के कार्यकाल में उनके परिवार और सम्बन्धियों पर हत्या और धोखादडी के कई मामले लंबित है।
श्रीलंका में 37 साल बाद तमिल विद्रोहियों को कुचलने के लिये महिंदा राजपक्षे ने हिंसक रवैया अपनाया था। इस युद्ध के अंत में 40 हज़ार नागरिकों की हत्या हुई थी।