केंद्रीय बैंक का कहना है कि श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार एक महीने पहले मार्च में 16.1 प्रतिशत गिरकर 1.93 बिलियन डॉलर हो गया, क्योंकि राष्ट्र दशकों में अपने सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है।
खाना, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कमी के कारण लोगो का विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है। पिछले हफ्ते, हजारों लोग राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के इस्तीफे की मांग के लिए कोलंबो की सड़कों पर उतर आए थे। प्रदर्शन उनके घर के सामने तक आ गया था। उनके घर के बाहर झड़पें हुईं जिसमें पुलिस अधिकारियों सहित 15 लोग घायल हो गए जिस कारण एक संक्षिप्त आपातकाल की स्थिति पैदा हुई।
ब्लूमबर्ग के एक अध्ययन के अनुसार श्रीलंका का ऋण भुगतान इस वर्ष अनुमानित 8.6 बिलियन डॉलर का है और जिस तरह से मुद्रा भंडार घाट रहा है तो उससे ऋण राशि के एक हिस्से का भुगतान करने की देश की क्षमता के बारे में संदेह पैदा होता है।
फरवरी में, श्रीलंका का विदेशी भंडार $2.3 बिलियन था।
श्रीलंका को इस महीने के अंत में वैश्विक निवेशकों के भरोसे की परीक्षा का सामना करना पड़ेगा, जब 2023 डॉलर के बांड और 2028 के नोट पर ब्याज भुगतान की आखिरी तारीख होगी , दोनों की संयुक्त राशि कुल मिला कर $78.2 मिलियन है।
ब्लूमबर्ग इकोनॉमिक्स के अर्थशास्त्री अंकुर शुक्ला और अभिषेक गुप्ता का कहना है कि “संकट से बाहर निकलने के लिए, एक प्रभावी सरकार की त्वरित स्थापना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ सौदा करना अगला होना चाहिए।”
श्रीलंका की माह अंत में आईएमएफ के साथ बैठक है। राष्ट्रपति ने आज पहले इस मुद्दे पर प्रशासन की सहायता के लिए विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया। श्रीलंकन सरकार ने भारत और चीन से भी सहायता का अनुरोध किया है।
राष्ट्र ने भारत और चीन से भी मदद कि गुहार लगाई है। भारत सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए खाद्य प्रदार्थ, पेट्रोल और अन्य आवश्यकताओं की खरीद में सहायता के लिए लगभग 2 बिलियन डॉलर की उधार सीमा प्रदान की है। चावल के एक और शिपमेंट पहुँच जाएगी और पेट्रोल और ईंधन शिपमेंट पहले ही आ चुके हैं।
लेकिन आईएमएफ के साथ बातचीत से पहले ही श्री लंका के नए चुने गए वित्त मंत्री अली साबरी ने राष्ट्रपति राजपक्षे को २४ घंटे के भीतर ही अपने इस्तीफा दे दिया । राष्ट्रपति राजपक्षे के भाई बेसिल साबरी से पहले देश के वित्त मंत्री थे।
Newly-appointed FM of Sri Lanka, Ali Sabry resigns from his post
“After much reflection&deliberation&taking into consideration the current situation I’m now of the view, for your Excellency to make suitable interim arrangement to navigate this unprecedented crisis,” reads letter pic.twitter.com/HIPbRibZ3D
— ANI (@ANI) April 5, 2022
साबरी ने आज कहा कि श्रीलंका को जुलाई में देय एक अरब डॉलर के सरकारी कर्ज का पुनर्गठन करना चाहिए और इसके लिए न केवल आईएमएफ बल्कि विश्व बैंक और एशिया विकास बैंक से भी मदद लेनी चाहिए। “… और कोई उपाय नहीं है…” उन्होंने ज़ोर देते हुए कहा।
देश ने अभी तक सबरी के लिए एक प्रतिस्थापन की नियुक्ति नहीं की गयी है।
इस बीच, अपने गठबंधन के बहुमत खोने के बावजूद, राजपक्षे ने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने ‘एकता’ सरकार स्थापित करने के विपक्ष के प्रस्ताव को भी ठुकरा दिया।
मंगलवार को सत्ताधारी गठबंधन के दो सदस्यों ने अंतरिम प्रशासन नहीं बनने पर ‘अराजकता’ की चेतावनी दी थी।