श्रीलंका में ईस्टर के त्यौहार के दिन हुए आठ बम धमाकों की जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली है। यह हमले श्रीलंका के विभिन्न चर्चों और होटल में किये गए थे और इसमें 300 लोगो की मृत्त्यु हुई थी जिसमे 31 विदेशी नागरिक भी शामिल थे। इसके साथ ही श्रीलंका ने राजधानी में सभी पुलिस स्टेशनों को हाई अलर्ट पर कर रखा है।
खबरों के मुताबिक, किसी ठेले या वैन में विस्फोटक पदार्थ हो सकते हैं। सुरक्षा व्यवस्था को मज़बूत कर दिया गया है। देश के नेताओं ने इस दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में ऐलान किया है। श्रीलंका की सरजमीं पर इस आतंकी हमलो को नेता स्थानीय चरमपंथी समुदाय की योजना बता रहे थे और यह देश में ख़ुफ़िया विभाग की विफलता को प्रदर्शित करती है।
लिट्टे के साथ दशकों के बर्बर संघर्ष के बाद श्रीलंका में शांति ने अपने कदम जमाये थे। छह हमले तीन चर्चों और आलिशान होटलो में किया गया था और तीन विस्फोट रविवार को किये गए थे।
बदले की भावना से किया हमला
श्रीलंका के रक्षा राज्य मंत्री ने शुरुआत में कहा कि “यह हमला प्रतिकार की भावना से किया गया था क्योंकि बीते माह न्यूजीलैंड के मस्जिद में मुस्लिमों पर जमकर गोलीबारी की गयी थी।”