श्रीलंका के पूर्व पेट्रोलियम मंत्री और अपदस्थ रनिल विक्रमसिंघे के करीबी अर्जुन राणातुंगा को अदालत ने जमानत दे दी है। श्रीलंका को विश्व कप का ख़िताब जिताने वाले अर्जुन राणातुंगा को भीड़ पर फायरिंग करने के लिए गिरफ्तार किया गया था।
बीते रविवार को कोलोंबो में पूर्व मंत्री का प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के समर्थकों ने घेराव कर लिया था। समर्थक अर्जुन राणातुंगा को बंदी बनाने की फ़िराक में थे।
समर्थकों के हिन्साजनक रवैये के कारण पूर्व मंत्री के सुरक्षाकर्मियों को फायरिंग करनी पड़ी थी। इस गोलीबारी में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी और दो व्यक्ति घायल हो गए थे। श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना ने रानिल विक्रमसिंघे की सरकार से गठबंधन तोड़ सरकार गिरा दी थी साथ ही 16 नवम्बर तक संसद को भंग कर दिया था।
राष्ट्रपति ने पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। जबकि सदन के स्पीकर के मुताबिक बहुमत रनिल विक्रमसिंघे के पास है। महिंदा राजपक्षे ने कहा था कि राष्ट्रपति ने उन्हें प्रधानमन्त्री पद के लिए न्योता दिया था।
श्रीलंका में चल रहे सियासी संकट को सुलझाने के लिए अमेरिका नें भी चेतावनी दे डाली है।
अर्जुन राणातुंगा पूर्व सरकार के पेट्रोलियम मंत्री थे। उनका साल 2001 में मंत्री पद पर नियुक्ति हुई थी। अर्जुन राणातुंगा ने अपने बचाव में कहा कि सुरक्षाकर्मियों ने भीड़ पर तब फायर किया था जब भीड़ से उनकी जान को खतरा बढ़ गया था। उन्होंने कहा कि वे मेरी हत्या करने आये थे। उन्होंने कहा कि सबूत के लिए सीसीटीवी की फुटेज की जांच कर सकते हैं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि वह अपने परिवार और बच्चों के बारे में सोचकर पहली बार जिंदगी के खतरे में होने से डर गए थे। अर्जुन राणातुंगा को श्रीलंका के सर्वश्रेष्ठ कप्तानों में माना जाता है उनकी कप्तानी में साल 1996 का विश्व कप श्रीलंका की झोली में आया था। साल 1999 में उनसे कप्तानी छीन ली गयी और इसके एक वर्ष बाद उन्होंने क्रिकेट से सन्यास का ऐलान कर दिया था।