श्रीलंका में ईस्टर रविवार के दिन आठ विभिन्न स्थानों पर विस्फोट से 310 लोगो ने अपनी जान गँवा दी है। पुलिस ने मंगलवार को बताया की मृतकों की संख्या में इजाफा हुआ है। श्रीलंका की पुलिस के मीडिया प्रवक्ता एसपी रुवान गुनसेकरा ने सीएनएन को बताया कि “इस हमले से सम्बंधित 40 लोगो की गिरफ्तारी की गयी है। सभी संदिग्धों को हिरासत में भेज दिया गया है और वह सभी श्रीलंका के नागरिक है।”
विदेशों को देंगे हमले का विवरण
श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना सभी विदेशी राजदूतों और उच्चयुक्तो से मुलाकात करेंगे और उन्हें बमबारी के बाबत संक्षेप में विवरण देंगे व अंतर्राष्ट्रीय सहायता की जरुरत के बाबत बातएंगे। ख़ुफ़िया विभागों की जानकारी के मुताबिक स्थानीय आतंकियों के इस कृत्य के पीछे अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। जांच के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की जरुरत का निर्णय लिया जा चुका है।”
बम विस्फोट के बाद श्रीलंका ने राष्ट्रीय इमरजेंसी का ऐलान कर दिया था। श्रीलंका में सभी स्कूल बुधवार तक बंद रहेंगे जबकि विभागों का बचाव कार्य व खोजी अभियान जारी है।
देश में शोक की लहर
श्रीलंका ने हमले वाले दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित कर दिया है। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा कि “इन हमलो में बगैर किसी कसूर के मासूमो की जान जाने से समस्त राष्ट्र में शोक की लहर बनी हुई है। मैं सेना, पुलिस बल, मेडिकल कर्मचारियों और अन्य सभी का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिन्होंने बगैर अपनी सुरक्षा की परवाह किये इतनी बहादुरी और बिना थके निरंतर कार्य किया है ताकि हमारे नागरिकों की सुरक्षा और रक्षा सुनिश्चित हो सके।”
उन्होंने कहा कि “किसी भी अनजान त्रासदी से जूझने के लिए हम श्रीलंका के नागरिक एकजुट है।”
21 अप्रैल को श्रीलंका के विभिन्न शहरो में आठ जगहों पर भयावह बम धमाके हुए थे। इसमें कोलोंबो, नेगोम्बो, कोच्चिकाडे और बट्टिकालोआ शामिल हैं। रविवार को ईसाई समुदाय ईस्टर के त्यौहार का जश्न मन रहा था। मृतकों में 31 लोग विदेशी है इसमें आठ नागरिकों की भारतीय होने की पहचान हो चुकी है।