महाराष्ट्र में लोगों ने शुक्रवार दोपहर को आंखों में आंसू लिए दिग्गज अभिनेता श्रीराम लागू को अंतिम विदाई दी। उनका पूर्ण राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। लंबे समय से बीमार रहने और वृद्धावस्था से संबंधित समस्याओं के चलते मंगलवार (17 दिसंबर) को उनका 92 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उनके निधन की खबर से हिंदी फिल्म जगत में सन्नाटा पसर गया। उन्होंने पांच दशक से अधिक लंबे समय तक इस इंडस्ट्री में अपनी सेवा प्रदान की। अंतिम वक्त में उनके साथ उनकी पत्नी और उनके बेटे रहे।
‘रंगमंच के सम्राट’ के रूप में सम्मानित लागू के पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार से पहले कुछ घंटों के लिए बालगंधर्व रंगमंदिर पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया।
एक कांच के ताबूत में रखे राष्ट्रीय ध्वज से लिपटे लागू के पार्थिव शरीर को बाद में बालगंधर्व रंगमंदिर के बाहर खुले मैदान पर लाया गया, जहां महाराष्ट्र पुलिस ने इस अभिनेता को 21-बंदूकों की सलामी दी।
इसके बाद एक रंगमंचीय प्रदर्शन के प्रारंभ के प्रतीक स्वरूप तीन घंटियों के बजने के साथ भव्य शव यात्रा तीन किलोमीटर दूर स्थित वैकुंठ श्मशान की ओर रवाना हुई।
इस जाने-माने अभिनेता को पुष्पांजलि अर्पित करने वालों में महाराष्ट्र के मंत्री सुभाष देसाई, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे, बाबा आढव सहित अमोल पालेकर, नाना पाटेकर, उर्मिला मातोंडकर, रामदास फुटाणे, सुधीर गाडगिल, नंदू माधव जैसे हिंदी व मराठी फिल्म एवं रंगमंच से जुड़े कई नामचीन कलाकार शामिल रहे।
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति, वामपंथी और फॉरवर्ड समूह जैसे संगठनों के प्रतिनिधियों सहित प्रशंसकों, अनुयायियों और नागरिकों की एक भीड़ भी यहां एकत्रित हुई। इनमें से कई को रोते-बिलखते हुए देखा गया।
रंगमंच और फिल्मों में उनकी कुछ यादगार प्रस्तुतियों में ‘नटसम्राट’, रिचर्ड एटनबरो की ‘गांधी’, ‘सौतन’, ‘सिंहासन’, ‘सामना’, ‘घरौंदा’, ‘पुकार’, ‘इंकार’ इत्यादि शामिल हैं।