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    एमएस धोनी

    पूर्व ओपनर बल्लेबाज कृष्णामाचारी श्रीकांत ने पूर्व भारतीय कप्तान एमएस धोनी का समर्थन करते हुए कहा है कि आगामी विश्वकप में धोनी को नंबर चार पर बल्लेबाजी के लिए उतरना चाहिए।

    ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ घर में खेली गई वनडे सीरीज में खराब प्रदर्शन के बाद अंबाती रायडू की जगह नबंर चार के लिए 3 आयामी विजयशंकर को टीम में रखा गया है।

    टाइम्स ऑफ इंडिया के लिए श्रीकांत ने अपने कॉलम में लिखा है, ” बहुत समय से नंबर चार के ऊपर बहस जारी है और मैंने भी इसके ऊपर बहुत सोच रखा है। मेरी राय में, विश्वकप के लिए धोनी भारत के नंबर चार होंगे। मुझे नही लगता कि उनके अलावा इस स्लॉट के लिए कोई उनके जितना अच्छा होगा और यह अबतक एक रहस्य है कि वह अपने आप को इस स्थान पर बल्लेबाजी के लिए क्यों नही उतारते। अगर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज और अब आईपीएल में उनकी फॉर्म को देखे, तो उनके अंदर कोई कमी नजर नही आती। बेशक, विश्व कप में धोनी के खिलाफ जो हमले होंगे, वे कड़े परीक्षण करेंगे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह टीम को घेर नहीं सकते।”

    धोनी मौजूदा आईपीएल सीजन में शानदार फॉर्म में नजर आ रहे है और उन्होने चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अबतक खेले 11 मैचो में 358 रन बनाए है।

    श्रीकांत ने आगे कहा, ” यह कहे बिना कि धोनी की तात्कालिक मारक क्षमता में कमी थी, लेकिन 50 ओवर के क्रिकेट में, उनके पास अपनी पारी को चलाने के लिए पर्याप्त समय होगा। धोनी की तुलना में एकदिवसीय क्रिकेट में कोई भी बेहतर बल्लेबाज नहीं है। एक बार जब वह अपना इंजन क्रेंक करते है, धोनी सबसे मुश्किल बल्लेबाजों में से एक है। आक्रामकता के साथ मिश्रण करना उनकी सबसे बड़ी ताकत है, खासकर जब उनकी टीम पीछा कर रही है। उनकी स्ट्राइक रेट से सहमत हो सकता है कि एक स्पर्श कम हो, लेकिन यह केवल स्थिति को ध्यान में रखते हुए है। उनका दृष्टिकोण पिछले पांच-छह वर्षों में अधिक विचारशील रहा है और इसका धोनी के आत्म-विश्वास के साथ भी बहुत कुछ है, जहां वह खेल को अंत तक ले जाते हैं और खेल खत्म करते है।”

    इससे पहले दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ खेले गए मैच में धोनी ने दो शानदार स्टंपिग कर क्रिस मोरिस और श्रेयस अय्यर को आउट किया था।

    श्रीकांत ने कहा, ” विकेटकीपिंग का कौशल अबतक बेकरार है। दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच में उनकी स्टंपिंग ने यह साबित कर दिया वह मैच में अकेले बदलाव ला सकते है। विकेट के पीछे उनकी उपस्थिती और उनकी बल्लेबाजी इंग्लैंड में टीम की बहुत मदद करने वाली है। बहुत कम खिलाड़ी अपनी उपस्थिति के साथ अपनी टीम को उठा सकते हैं। मेरे खेल के दिनो में वह कपिल देव और सचिन तेंदुलकर थे। इसी तरह, धोनी वह है जो सिर्फ टीम के साथ रहकर प्रेरणा दे सकते है। धोनी ने अपने हाला फॉर्म से अपने अंदर आत्मविश्वास भरा है और वह चेन्नई सुपर किंग्स के लिए अच्छा कर रहे है। जब वह टीम के साथ होते है टीम की एक अलग बात होती है और लगता है टीम कभी नही हारेगी।

    By अंकुर पटवाल

    अंकुर पटवाल ने पत्राकारिता की पढ़ाई की है और मीडिया में डिग्री ली है। अंकुर इससे पहले इंडिया वॉइस के लिए लेखक के तौर पर काम करते थे, और अब इंडियन वॉयर के लिए खेल के संबंध में लिखते है

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