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    shravan reddy

    नई दिल्ली, 15 जून (आईएएनएस)| ‘जर्सी नंबर 10’, ‘ये है आशिकी’ और ‘एमटीवी स्पिलट्सविला’ जैसे शोज में काम कर चुके अभिनेता श्रवण रेड्डी (shravan reddy) का मानना है कि वेब ने बड़े पैमाने पर अवसर प्रदान किए हैं और सीमाओं को कम किया है।

    इन दिनों वेब सीरीज ‘थिंकिस्तान’ में नजर आ रहे अभिनेता ने वेब की दुनिया की बढ़ती धाक के बारे में टेलीफोन पर दिए साक्षात्कार में आईएएनएस से कहा, “वेब ने न सिर्फ कलाकारों के लिए बल्कि कैमरे के पीछे काम करने वाले के लिए भी दरवाजे खोले हैं। यहां तक कि लेखकों के लिए भी। इसने लिमिटेशंस कम किए हैं।”

    उन्होंने कहा, “स्टोरी टेलिंग के लिए जो लिमिटेशंस होते हैं उन्हें भी कम कर दिया है। इस वजह से काफी अवसर मौजूद हैं, क्योंकि हर किसी को तो फिल्मों में काम करने का मौका नहीं मिलेगा और कुछ लेखक ऐसे होते हैं, जिनकी कहानियां नैरेटिव होती हैं और फिल्मों के नैरेटिव स्टाइल में फिट नहीं होती है तो उन्हें अवसर मिल रहा हैं और कुछ कलाकार ऐसे होते हैं जो शायद कन्वेंशनल फिल्म कैटेगरी में फिट नहीं होते तो उनके लिए वेब खुल गया है, टीवी तो काफी पहले से था लेकिन वेब ने बड़े पैमाने पर अवसर उपलब्ध कराए हैं। मुझे लगता है कि मनोरंजन उद्योग के लिए यह एक शानदार दौर है।”

    ‘थिंकिस्तान’ में अपने किरदार के बारे में हैदराबाद के रहने वाले श्रवण ने बताया, “मैं अंग्रेजी कॉपी राइटर की भूमिका में हूं। मेरे किरदार का नाम हेमा है जो मुंबई में पला-बढ़ा है। प्रोफेशनली वह इंजीनियर है, लेकिन हमेशा से उसे शब्दों से प्यार रहा है, इसलिए वह एडवरटाइजिंग वर्ल्ड में जाना चाहता है और उसकी जर्नी वहां से शुरू होती है। 1990 के दशक का यह शो हैं और जैसा कि जानते हैं कि एडवरटाइजिंग जो उस समय बाहर निकलते थे, वे हमारे हिंदुस्तान का एक मूड सेट करता थे और उस समय पर ये शो आधारित है और साथ-साथ एक हिंदी कॉपीराइटर जॉइन करता है जो अमित होता है और उन दोनों का सफर, दोस्ती और हिंदी-अंग्रेजी के बीच जो फासला है, उसे दिखाया गया है।”

    उन्होंने कहा, “हेमा को लोग सहज रूप से पसंद करते हैं। वह खुशमिजाज है। उसे शब्दों के साथ खेलना बखूबी आता है और उसके काम को लोग पसंद करते हैं। शो में उसकी ग्रोथ काफी फास्ट होती है।”

    यह पूछे जाने पर कि एडवरटाइजिंग को काफी क्रिएटिव फील्ड माना जाता है तो उन्होंने किरदार के लिए किस तरह की तैयारी की तो अभिनेता ने कहा, “इस शो में खुशकिस्मती से तैयारी के लिए मुझे ज्यादा गूगल या ऑनलाइन मैटेरियल पर निर्भर होने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि हमारे पद्म कुमार खुद 1990 के दशक कई विज्ञापन बना चुके हैं। वो एड डायरेक्टर भी थे और कॉपी राइटर भी..यहां तक कि हमारे प्रोड्यूसर भी एड वर्ल्ड से ताल्लुक रखते थे तो कुछ भी डायरेक्टली पूछने से काफी मदद मिल जाती थी तो इस तरह से हमारी तैयारी रही।”

    उन्होंने कहा, “इसमें व्यक्तिगत रूप से मुझे हिंदी खराब करनी पड़ी, क्योंकि इसमें मैं साउथ इंडियन के किरदार में हूं, जबकि असल में मेरी हिंदी अच्छी है तो इस पर मुझे थोड़ा काम करना पड़ा।”

    श्रवण क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन नसीब उन्हें अभिनय की दुनिया में ले आई। उन्होंने कहा, “मेरा पहला करियर चॉइस क्रिकेट था, मैं अपने स्टेट के लिए खेलता था लेकिन कुछ कारणों से मुझे इसे छोड़ना पड़ा। कहीं न कहीं मेरे दिमाग में ये हमेशा से था कि अगर क्रिकेट में बात नहीं बनी तो एक्टिंग में आना है।”

    रियलिटी शो ‘स्पिलट्सविला’ में काम कर चुके श्रवण से जब पूछा गया कि क्या सभी रियलिटी शो स्क्रिप्टेड होते हैं, तो उन्होंने कहा, “यह मैं नहीं जानता। हां, सुनता हूं कि ये स्क्रिप्टेड होते हैं। लेकिन मेरे सीजन में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था और दूसरी बात यह है कि मैंने कभी किसी रियलिटी शो का हिस्सा बनने के बारे में नहीं सोचा था ये बस हो गया। लेकिन काफी हद तक मैंने सुना है। कभी-कभी क्या होता है कि अगर कंटेंट नहीं मिलता है तो क्रिएटर्स को या क्रिएटिव डायरेक्टर्स को फिर कुछ ऐसा फोर्स करना पड़ता है। यह तब होता है जब कंटेंट नैचुरली नहीं मिलता है, ये मुझे काफी सुनने को मिला है.. क्रिएटिव फ्रेंड्स के जरिए जो चैनल या प्रोडक्शन हाउस में रियलिटी शोज के ऊपर काम करते हैं। अगर नैचुरली कंटेट नहीं मिलता है तो वे करते हैं। मेरे सीजन में ऐसा कुछ हुआ नहीं है, काफी कुछ अपने आप हो चुका था।”

    यह पूछने पर कि क्या वह भविष्य में बिग बॉस जैसे कंट्रोवर्सियल शो में दिखाई दे सकते हैं तो उन्होंने कहा, “मैंने स्प्लिट्सविला भी सोचकर नहीं किया था, एकदम लास्ट मोमेंट पर कॉल लिया था। लेकिन अगर ऑफर आएगा तो इस बारे में सोच सकता हूं। हालांकि, मैं रियलिटी शोज करने का ज्यादा शौक नहीं रखता हूं, क्योंकि मुझे पता है कि मैं रियलिटी शोज को ज्यादा एंजॉय नहीं करता हूं।”

    श्रवण क्राइम शो और ग्रे कैरेक्टर करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, “मैं क्राइम शोज देखना बेहद पसंद करता हूं तो मैं क्राइम जैसी चीजों को एक्सप्लोर करना चाहता हूं और मुझे लगता है कि मैं काफी अच्छे से इसे कर भी सकता हूं। मैं ग्रे कैरेक्टर करना भी पसंद करूंगा।”

    अभिनय की दुनिया में आने की ख्वाहिश रखने वाले युवाओं के लिए उन्होंने कहा, “आपमें धैर्य होना जरूरी है। ये वक्त के ऊपर है कि थोड़ा आगे-पीछे होता रहता है, लेकिन अगर अपनी खामियों को समझकर उसे दूर करने की कोशिश करेंगे, खुद में निखार लाएंगे तो काम तो जरूर मिलेगा।”

    अभिनेता का मानना है कि आजकल कई मीडियम मौजूद हैं। फेसबुक और इंस्टाग्राम अपने आप में मीडियम बन चुके हैं और वहां के जो लोग हैं वे अपने आप में स्टार हैं तो जो करना चाहते हैं, उसके लिए उन्हें कोशिश करते रहना चाहिए।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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