देश के शेयर बाजार में इस सप्ताह काफी उतार-चढ़ाव का दौर बना रहा। सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में मजबूत विदेशी संकेतों से जोरदार तेजी के बावजूद प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी बीते सप्ताह के मुकाबले मामूली गिरावट के साथ बंद हुए।
सप्ताह के दौरान लगातार तीन सत्रों में कमजोर कारोबारी रुझान के बीच विकवाली का दबाव बना रहा, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी में साप्ताहिक आधार पर मामूली गिरावट रही, लेकिन बीएसई मिड-कैप और स्मॉल कैप सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए।
बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 30 शेयरों पर आधारित प्रमुखं संवेदी सूचकांक सेंसेक्स पिछले सप्ताह के मुकाबले शुक्रवार को 106.40 अंकों की गिरावट के साथ 41,575.15 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 26 अंक फिसल कर 12,245.80 पर ठहरा।
हालांकि बीएसई मिड-कैप सूचकांक 93.25 अंकों की तेजी के साथ 14,929.22 पर चला गया, जबकि बीएसई स्मॉल कैप सूचकांक 156.78 अंकों यानी 1.17 फीसदी की जोरदार तेजी के साथ 13,547.81 पर बंद हुआ।
सप्ताह की शुरुआत में सोमवार को झारखंड चुनाव विधानसभा के नतीजे के असर को लेकर कारोबारी रुझान कमजोर रहा और विदेशों से भी कोई उत्साहवर्धक संकेत नहीं मिलने से सेंसेक्स 38.88 अंक टूटकर 41,642.66 पर बंद हुआ। निफ्टी भी 5.65 अंक फिसलकर 12,266.15 पर ठहरा।
अगले दिन मंगलवार को भी मुनाफावसूली के कारण बाजार टूटा और सेंसेक्स 181.40 अंक गिरकर 41,461.26 पर रूका। वहीं, निफ्टी 50.75 अंक टूटकर 12,212 पर ठहरा।
क्रिसमस का अवकाश होने के कारण बुधवार को शेयर बाजार में कारोबार बंद रहा। लेकिन गिरावट का दौर अगले दिन गुरुवार को भी जारी रहा। सेंसेक्स 297.50 अंक लुढ़ककर 41,163.76 पर बंद हुआ और निफ्टी भी 88 अंक फिसलकर 12,126.55 पर ठहरा।
हालांकि विदेशी बाजारों से मिले उत्साहवर्धक संकेतों से घरेलू बाजार में शुक्रवार को फिर तेजी लौटी और सेंसेक्स जोरदार 411.38 अंकों यानी एक फीसदी की उछाल के साथ 41,575.14 पर जा पहुंचा। निफ्टी भी 119.25 अंकों यानी 0.98 फीसदी की तेजी के साथ 12,245.80 पर बंद हुआ।
सरकारी बैंकों की सेहत में सुधार लाने के लिए सरकार द्वारा किए जाने वाले उपायों से भी आखिरी सत्र में शेयर बाजार को सपोर्ट मिला, हालांकि पूरे सप्ताह भारी उतार-चढ़ाव बना रहा।