बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया के फरार पुत्र समेत 19 आरोपियों को अदालत ने सज़ा-ए-मौत सुनाई है। इन दोषियों पर साल 2004 में विपक्षी दल की नेता शेख हसीना की रैली पर ग्रेनेड हमला कराने का आरोप था।
इस हमले में शेख हसीना समेत 500 लोग घायल हुए थे और 24 लोगों को जान गवानी पड़ी। यह हमला 21 अगस्त को अवामी लीग की रैली के दौरान हुआ।
खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशनल पार्टी ने साल 2014 में चुनाव का बहिष्कार किया था। अदालत का यह फैसला बांग्लादेश में आगामी चुनाव के से ठीक पहले आया है ऐसे में बीएनपी के चुनाव लड़ने पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं।
खालिदा जिया के बेटे रेहमान की अदालत में गैर हाज़री के कारण न्यायाधीश ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया। रेहमान ने लंदन में निर्वासित है हालांकि ब्रिटेन विभाग ने रेहमान की प्रवासी जानकारी देने से इनकार कर दिया।
फ़ास्ट ट्रैक ट्रिब्यूनल ने रेहमान समेत 19 अन्य को उम्रकैद की सज़ा सुनाई है। बीएनपी के सहयोगी दल के 19 आरोपी इस जुर्म में शामिल थे।
जांच के मुताबिक इस घटना का मास्टरमाइंड रेहमान और अन्य सभी हमलावर थे। इस हमले को अंजाम आतंकी गुट हरकतुल जिहाद अल इस्लामी ने दिया था।
जांचकर्ताओं के मुताबिक इस हमले का मकसद विपक्षी नेता शेख हसीना को नुक्सान पहुंचना था और पीएम हसीना की इस हमले में सुनने की क्षमता प्रभावित हुई थी। इस हमले में महिला दल की प्रमुख और पूर्व राष्ट्रपति जिल्लुर रेहमान की पत्नी का निधन हो गया था।
49 आरोपियों में से अदालत में 31 दोषी उपस्थित थे। अदालती कार्रवाई के कारण सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत कर रखी थी।
गृह मंत्री असदुज़मान खान कमाल ने कहा कि सरकार फरार आरोपियों को देश वापस लाने के लिए कदम उठा रही है। मृत्यु दंड के आरोपियों पर एक लाख टका का अर्थदंड लगाया है।
ज्ञात हो पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया को भ्रष्टाचार के आरोप में उम्रकैद की सज़ा हुई थी। साथ ही खालिदा जिया के राजनीतिक सलाहकार और बीएनपी के कानून मंत्री को भी भ्रष्टाचार के आरोप में उम्रकैद की सज़ा सुनाई गयी थी।