बांग्लादेश की प्रधानमन्त्री शेख हसीना ने रविवार को कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गाँधी से मुलाकात की थी और उन्हें देश की आज़ादी के 50 वीं सालगिरह में बांग्लादेश की यात्रा पर आमंत्रित किया था। सोनिया गाँधी ने इस निमंत्रण को स्वीकार कर लिया है। उन्होंने पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के साथ भी मुलके की थी और दोनों देशो के चिंताजनक मामलो पर चर्चा की थी।
शेख हसीना की कांग्रेस आलाकमान से मुलाकात
इस आयोजन का निमंत्रण उन्होंने राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी वाड्रा को भी दिया था। हसीना का सन्दर्भ बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की वर्षगाँठ और बांग्लादेश के आजादी के 50 वर्ष का जश्न की तरफ था। सोनिया गाँधी से मुलाकात के दौरान पूर्व केंद्र मंत्री आनंद शर्मा, प्रियंका गाँधी वाड्रा भी मौजूद थे। यह दोनों देशो के बीच मित्रता के मज़बूत संबंधो को दर्शाता है।
हसीना ने बांग्लादेश की आज़ादी में भारत के सहयोग का आभार व्यक्त किया है और शेख मुजीबुर रहमान व पूर्व पीएम इंदिरा गाँधी के बीच विशेष मित्रता को दर्शाया है। उन्होंने उस स्थान की भी यात्रा की जब शेख मुजीबुर रहमान की हत्या कर दी गयी थी और वह दिल्ली में निर्वासित हुए थे।
सोनिया गाँधी ने हैसना को लगातार तीसरी बार प्रधानमन्त्री पद पर विराजमान होने के लिए बधाई दी थी क्योंकि बंगलादेशी अवं उनके नेतृत्व और नजरिये पर विश्वास करती है। बांग्लादेश की आर्थिक वृद्धि में इजाफे के लिए मनमोहन सिंह ने हसीना की सराहना की थी।
हसीना और सोनिया गाँधी ने कांग्रेस और अवामी लीग के बीच ऐतिहासिक संबंधो को भी स्मरण किया और नेतृत्व स्तर तक पार्टी से पार्टी के संबंधो को मज़बूत करने की प्रतिबद्धता को दोहराया था। नेताओं ने संयुक्त हित के व्यापक स्तर के विचारों का आदान-प्रदान किया था जिसमे द्विपक्षीय सम्बन्ध भी शामिल है।
मुलाकात के बाद प्रियंका गाँधी ने ट्वीट कर कहा कि “शेख हसीना जी गली मिली जिसके लिए मैं एक लम्बे अरसे से उनका इन्तजार कर रही थी। उनकी ताकत उन्हें निजी क्षति से उभरने और साहस के साथ लड़ने का हौसला दे रही है और वह हमेशा मेरे लिए एक प्रेरणा रही है।”
शेख हसीना के साथ विदेश मंत्री अब्दुल मोमन, अन्य वरिष्ठ मंत्री और सलाहकार शामिल है। यह मुलाकात डेढ़ घंटे से अधिक समय तक चली थी।