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    चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग

    बीजिंग, 15 जून (आईएएनएस)| एशिया में सहयोग और विश्वास बहाली के उपायों(सीआईसीए) के संबंध में पांचवां शिखर सम्मेलन 15 जून को तजाकिस्तान की राजधानी दुशांबे में आयोजित हुआ। चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ने सम्मेलन में बयान देकर विभिन्न पक्षों से उभय प्रयास कर एशिया की सुरक्षा व विकास की नई परिस्थिति की रचना करने, आपसी सम्मान व विश्वास, सुरक्षा व स्थिरता, विकास व समृद्धि, खुलेपन व समावेशी और सहयोग व नवाचार के एशिया का निर्माण करने की अपील की।

    शी चिनफिंग ने कहा, “एशिया हालिया दुनिया में सबसे जीवित शक्ति और निहित शक्ति होने वाले क्षेत्रों में से एक है। साथ ही एशिया आर्थिक विकास के असंतुलन, सुरक्षा और प्रशासन की समस्याओं आदि की चुनौतियों का सामना भी कर रहा है। 2015 में उन्होंने एशियाई साझे भाग्य वाले समुदाय की पहल की प्रस्तुति के बाद एशियाई देशों ने साझे भाग्य वाले समुदाय के निर्माण में सहयोग की विचारधारा को मजबूत किया और सहयोग का अनुभव एकत्र किया है। नई परिस्थिति में विभिन्न पक्षों को तय लक्ष्य पर कायम रहकर मौके व चुनौतियों का सामना करना चाहिए।”

    शी चिनफिंग ने दोहराया, “एशियाई देशों को समान, समग्र सहयोग और अनवरत नई सुरक्षा विचारधारा पर कायम रहना चाहिए। विभिन्न देशों को प्रतिरोध के बजाए वार्तालाप पर कायम रहना चाहिए और विभिन्न परम्परागत और गैर परम्परागत सुरक्षा समस्याओं का अच्छी तरह निपटारा करने की जरूरत है। खास तौर पर सभी को हर तरह की आतंकवादी कार्रवाइयों पर प्रहार करना चाहिए।”

    उन्होंने विकास समस्या को हल करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने विभिन्न पक्षों से व्यापार और निवेश के स्वतंत्रता व सुविधाकरण को आगे बढ़ाने और जल्द ही क्षेत्रीय तमाम आर्थिक साझेदारी संबंधों के समझौते संपन्न करने की अपील की। उन्होंने कहा, “चीन विभिन्न पक्षों के साथ बेल्ट एंड रोड अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्लेटफार्म का सहनिर्माण करेगा। विभिन्न पक्षों के चीनी बाजार में प्रवेश करने को और ज्यादा सुविधा देने के लिए इस साल चीन दूसरे अंतर्राष्ट्रीय आयात एक्सपो का आयोजन करेगा।”

    शी चिनफिंग ने कहा, “चीन शांतिपूर्ण सहअस्तितव के पांच सिद्धांतों के आधार पर विभिन्न देशों के मैत्रीपूर्ण सहयोग को गहन करेगा, शांतिपूर्ण तरीके से संबंधित देशों के साथ प्रादेशिक भूमि की प्रभुसत्ता और समुद्रीय अधिकारों व हितों से जुड़े संघर्षो का समाधान करेगा। इसके साथ ही वार्ता से क्षेत्रीय मामलों के समाधान को समर्थन देगा।”

    उन्होंने दोहराया, “एशियाई परिवार के एक सदस्य और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक बड़े जिम्मेदार देश के रूप में चीन लगातार विश्व शांति के निमार्ता, विश्व विकास के योगदानकर्ता और अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था का रक्षक बनेगा, और नए अंतर्राष्ट्रीय संबंधों व मानव साझा नियति समुदाय के निर्माण को मजबूत करेगा।”

    शी चिनफिंग ने कहा, “आर्थिक व व्यापारिक आदान-प्रदान में मौजूद समस्याओं के प्रति विभिन्न पक्षों को संरक्षणवाद व एकपक्षीयवाद के बजाए आपसी सम्मान के आधार पर समान संवाद व विचार-विमर्श से अंतर्राष्ट्रीय संबंधों की नीति-नियमों व बहुपक्षीय व्यापार नीति-नियमों के अनुसार उनका समाधान करना चाहिए। चीन का यह रुख न सिर्फ विभिन्न देशों के विकास में वैध अधिकारों की रक्षा कर सकेगा, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय निष्पक्षता व न्याय की रक्षा भी कर पाएगा।”

    शी चिनफिंग ने कहा, “चीन विभिन्न देशों के साथ संयुक्त रूप से विचार-विमर्श करने, निर्माण करने व साझा करने की वैश्विक शासन ²ष्टि से ²ढ़ता से संयुक्त राष्ट्र संघ से केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था की रक्षा करना चाहता है। इसके साथ ही विश्व व्यापार संगठन से केंद्रित बहुपक्षीय व्यापारिक व्यवस्था की रक्षा करना चाहता है।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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