Wed. May 8th, 2024
    शी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन

    चीन और अमेरिका के संबंधों में खटास के बीच चीनी राष्ट्रपति शी जिंगपिंग ने रूस की यात्रा की है। वांशिगटन और बीजिंग के बीच व्यापार युद्ध कोलेकर मतभेद बरक़रार है। यूक्रेन संघर्ष के बाद पश्चिमी के साथ सम्बन्धो में खटास के कारण रूस ने पूर्व की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाने का निर्णय लिया था।

    दोनों पक्षों ने व्यापार समझौतों के पैकेज पर दस्तखत किए हैं और शी जिनपिंग मॉस्को के चिड़ियाघर के लिए दो पांडा भी लेकर गए थे। चीनी राष्ट्रपति बुधवार को रूस पंहुचे थे और इसके बाद एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था। उन्होंने कहा कि “उनकी रुसी समकक्षी के साथ गहरी निजी दोस्ती है।”

    बीबीसी के मुताबिक उन्होंने कहा कि “पिछले छह सालो में हमने करीब 30 बार मुलाकात की थी। रूस की मैंने सबसे अधिक बार यात्रा की है और पुतिन में सबसे अच्छे दोस्त और समकक्षी है।” व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि “रूस-चीनी सम्बन्ध एक अभूतपूर्व स्तर पर पहुंच चुके हैं। यह एक वैश्विक साझेदारी और रणनीतिक सहयोग है।

    अमेरिका और यूरोप से अलगाव महसूस होने के बाद दोनों देशों के बीच सम्बन्ध मज़बूत हुए हैं। पांच वर्ष पूर्व रूस की यूक्रेन के संघर्ष में संलिप्तता के बाद मॉस्को पर प्रतिबन्ध थोप दिए गए थे और उसके बाद पश्चिम के साथ सम्बन्ध काफी बिगड़ चुके है।

    रूस का साल 2015 सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद को समर्थन देने के लिए निंदा की जाती है। डोनाल्ड ट्रम्प  प्रशासन के वापस आर्थिक राष्ट्र संरक्षणवाद के पक्ष में लौटने के बाद चीन के साथ सम्बन्ध काफी खराब हो गए थे। दोनों देश व्यापार युद्ध के चक्रव्यू में फंसे हुए है।

     

    Xi Jinping and Vladimir Putin at the Kremlin
    क्रेमलिन में रुसी राष्ट्रपति और चीनी राष्ट्रपति (स्त्रोत: बीबीसी)

    कारोबार में भी दोनों देशों की साझेदारी बढ़ती नजर आती है। साल 2018 में इसमें 25 फीसदी की वृद्धि हुई थी और 108 अरब डॉलर के नए आयाम पर पंहुची थी। शी जिनपिंग की रूस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने भविष्य में सैन्य और आर्थिक सहयोग को मज़बूत करने का वादा किया है।

    इसके आलावा रूस की टेलीकॉम कंपनी एमटीएस ने चीन की विवादित कंपनी हुआवेई को रूस में 5-जी नेटवर्क का विस्तार करने का जिम्मा दे दिया है।

    Panda bear
    चीनी राष्ट्रपति द्वारा लाये गए पांडा। (स्त्रोत: रायटर्स)

    वांशिगटन के मुताबिक हुआवेई चीनी सरकार की कंपनी है जो अन्य देशों की सरकारों की जासूसी करती है। अमेरिका के प्रतिबन्ध के  हुआवेई की यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, जापान में गतिविधियां प्रभावित हुई हैं। यह यात्रा सिर्फ रक्षा और व्यापार की बातचीत पर आधारित नहीं थी बल्कि चीन की पांडा कूटनीति भी इसमें थी। मॉस्को में शी जिनपिंग ने दो पांडा का खुलासा किया था जो इस यात्रा का लम्बे समय तक स्मृतिचिन्ह रहेगा।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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