बीजिंग, 26 अप्रैल (आईएएनएस)| चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने अपनी बेल्ड एंड रोड परियोजना का बचाव किया है। उन्होंने इस परियोजना से जुड़ी इस चिंता को दूर करने की कोशिश की कि यह अरबों डॉलर की परियोजना गरीब देशों को कर्ज के जाल में फंसा रही है। उन्होंने कनेक्टिविटी योजना को पारदर्शी बनाने का वादा किया है।
तीन दिवसीय बेल्ट एंड रोड फोरम के दूसरे संस्करण के उद्घाटन समारोह में शी ने अपने भाषण में इस परियोजना का बचाव किया, जिसकी पारदर्शिता और देशों के कर्ज की चपेट में आने को लेकर आलोचना की जा रही है।
भारत ने दूसरी बार चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी), जो बेल्ट एंड रोड का एक प्रमुख घटक है, के विरोध में कार्यक्रम से दूरी बना ली है, जो पाक अधिकृत विवादित कश्मीर से होकर गुजरता है।
यह गलियारा चीनी शहर काश्गर को अरब सागर पर पाकिस्तान के ग्वादर बंदरगाह से जोड़ता है।
लगभग 40 देशों के प्रमुखों और 100 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में शी ने कहा, “बेल्ट एंड रोड सहयोग को आगे बढ़ाने के लिए सब कुछ पारदर्शी तरीके से किया जाना चाहिए और हमें भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए।”
2013 में शी द्वारा प्रस्तावित, बेल्ट एंड रोड परियोजना का लक्ष्य दुनिया के तीन सबसे बड़े महाद्वीपों -एशिया, अफ्रीका और यूरोप को राजमार्गों, रेल लाइनों और समुद्री लेन के विशाल नेटवर्क से जोड़ना है।
चीन ने 60 से अधिक भाग लेने वाले देशों में अरबों डॉलर का निवेश किया है, जहां उसकी कंपनियां बुनियादी ढांचे के निर्माण में लगी हुई हैं।
श्रीलंका, मालदीव और पाकिस्तान जैसे कई साझेदार देशों की परियोजनाओं के तहत चीनी ऋणों के बोझ से दबे होने के कारण बीजिंग द्वारा ‘ऋण के जाल’ में फंसाने के इरादे को लेकर चिंता जताई जा रही है।
कार्यक्रम में शी ने उन आशंकाओं को दूर करने का प्रयास किया।
उन्होंने कहा, “हम बीआरआई में निवेश करने वाले बहुपक्षीय और राष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों की भागीदारी का स्वागत करते हैं और हम कई हितधारकों की भागीदारी के साथ तीसरे बाजार सहयोग को प्रोत्साहित करते हैं। हम निश्चित रूप से सभी को लाभ पहुंचा सकते हैं।”
हमने बीआरआई का हिस्सा बनने वाले देशों को बीआरआई वित्तपोषण सहयोग के संबंध में मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए बेल्ट और रोड के विकास के वित्तपोषण के मार्गदर्शक सिद्धांतों और ऋण स्थिरता की रूपरेखा तैयार की है।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि भाग लेने वाले देशों के कानूनों का भी सम्मान किया जाना चाहिए। बेल्ट और रोड सहयोग को संयुक्त रूप से आगे बढ़ाने के लिए हमें जन केंद्रित ²ष्टिकोण अपनाने और गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन को प्राथमिकता देने की आवश्यकता है।
जहां एक ओर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान फोरम में शामिल हुए हैं, वहीं भारत एक बार फिर इसमें शामिल नहीं हुआ है।
भारत इस गलियारे का विरोध करता है और उसका कहना है कि अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए वह बेल्ड एंड रोड परियोजना का हिस्सा नहीं हो सकता।
चीन का कहना है कि यह परियोजना पूरी तरह से आर्थिक है और कश्मीर मुद्दे पर बीजिंग के तटस्थ रुख को प्रभावित नहीं करेगी।