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    युआन पेंग चीन भारत विवाद

    डोकलाम विवाद को लेकर भारत व चीन के बीच में वर्तमान में शांति स्थापित है। लेकिन हाल ही में चीन ने वापिस से डोकलाम विवाद सहित भारत का मुद्दा उठाते हुए इस पर अपनी स्थिति को स्पष्ट किया है।

    दरअसल चीनी समकालिक अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के उपाध्यक्ष युआन पेंग बुधवार को चीन कम्युनिस्ट पार्टी के पांच दिवसीय कांग्रेस के परिणामों पर पत्रकारों के साथ वार्ता को संबोधित कर रहे थे।

    इस अवसर पर चीनी विशेषज्ञ युआन पेंग ने कहा कि चीन भविष्य में डोकलाम विवाद पर भारत के साथ प्रत्यक्ष तौर पर डील करेगा। पेंग के अनुसार चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के दूसरे कार्यकाल में भारत के साथ डोकलाम विवाद व दक्षिण चीन सागर जैसे अहम मुद्दों को सुलझा लेगा।

    शी जिनपिंग का दूसरा कार्यकाल

    गौरतलब है कि हाल ही में शी जिनपिंग दूसरी बार चीन के राष्ट्रपति बने है। शी इस समय चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के प्रमुख लीडर बने है। चीनी विशेषज्ञ युआन ने कहा कि चीन अपनी सीमा व प्रभुत्व की रक्षा के लिए पड़ोसी देशों के साथ सख्ती से निपटेगा। विवादों का निपटारा खुले तौर पर किया जाएगा।

    अगर डोकलाम विवाद दुबारा से उठाया जाता है तो चीन मजबूती के साथ भारत से डील करेगा। फिलहाल तो दोनों देशों ने ही डोकलाम विवाद पर शांति बना रखी है। युआन ने कहा कि चीन अपने वैध हितों की रक्षा आसानी से कर सकता है।

    चीन भारत के साथ युद्ध नहीं चाहता है लेकिन जरूरत पड़ने पर अंतिम उपाय युद्ध भी हो सकता है। युआन ने कहा कि हम चाहते है कि भारत के साथ डोकलाम व अन्य मुद्दों पर शांति के साथ निपटारा हो जाए। इसके लिए दोनों पक्षों के बीच में विस्तृत तरीके से वार्ता की जाएगी।

    अमेरिका, चीन के खिलाफ भारत को कर रहा आगे

    चीनी विशेषज्ञ युआन पेंग के अनुसार अमेरिका, जापानऑस्ट्रेलिया जैसे देश भारत को चीन के खिलाफ आगे करने में लगे हुए है। हाल ही में अमेरिका ने एशिया-प्रशांत क्षेत्र को हिंद–प्रशांत क्षेत्र घोषित किया है।

    युआन ने कहा कि भविष्य में ऐसा करना भारत के लिए जाल साबित हो सकता है। अमेरिका, चीन के खिलाफ भारत को खड़ा करने में लगा हुआ है। जो कि भारत के लिए बुद्धिमानी नहीं कही जा सकती है।

    चीन चाहता है भारत के साथ रूस जैसा संबंध

    इसके अलावा युआन पेंग ने कहा कि चीन, भारत के साथ में रूस जैसे संबंध कायम करना चाहता है। जिस प्रकार से चीन-रूस के बीच में मजबूत संबंध स्थापित है वैसे ही चीन, भारत के साथ भी संबंधों को मजबूती प्रदान करके ऊंचे स्तर पर लेकर जाना चाहते है।