लोकसभा चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को आवश्यक जनादेश नही मिलने पर प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवारों को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की टिप्पणी पर उनकी आलोचना करते हुए, शिवसेना ने मंगलवार को जानना चाहा कि क्या विपक्ष की मंशा हर छह महीने पर नया प्रधानमंत्री बनाना चाहता हैं।
शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा, न तो बसपा सुप्रीमों मायावती, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायड़ू, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनेर्जी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और न ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंकत्री बनने वाले हैं
राउत ने कहा,” यहां केवल एक ही प्रधानमंत्री हैं और वह नरेंद्र मोदीजी हैं। विपक्ष के पास कौन हैं जो प्रधानमंत्री बनने के लिए विश्वसनीय हैं? या क्या विपक्ष स्थिर सरकार के नाम पर हर 6 महीने में एक नया चेहरा बनाने की योजना में हैं।
हाल ही में शरद पवार ने, बनेर्जी, नायडू और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का शीर्ष दावेदार के रूप में प्रधानमंत्री पद के लिए समर्थन किया था, अगर एनडीए लोकसभा चुनाव में पूर्ण बहुमत हासिल करने में विफल रहती हैं।
अपनी पसंद की व्याख्या करते हुए पावर ने अपनी पसंद में प्रशासनिक अनुभवों को तवज्जों देते हुए कहा, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरह, उनके तीन पसंद भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे हैं,
राउत ने दावा किया कि पवार ने बाद में यू-टर्न मार दिया था और कहा कि उन्होंने इन तीन नामों को तब लिया था जब उनसे पूछा गया था कि गांधी के अलावा शीर्ष पद के दावेदार कौन हो सकते हैं।
राउत ने कहा,” हालांकि, उनकी दी गई सफाई अब खोखली प्रतीत होता हैं। उनका पहले के बयान से साबित होता हैं कि उन्हें कांग्रेस और राहुल गांधी में कोई विश्वास नही हैं।”
इस बीच, पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में शिवसेना ने पवार पर तंज कसा हैं।
संपादकीय में कहा गया हैं,” जिस तरह 2014 में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद पवार ने स्थिर सरकार के नाम पर भाजपा को समर्थन का ऐलान किया था, इसे देखते हुए किसी को हैरानी नही होगी अगर एनसीपी प्रमुख 2019 लोकसभा चुनाव में कुछ सीटें कम पड़ने पर अमित शाह नेतृत्व पार्टी को समर्थन कर दे तो।