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    राहुल गाँधी और शिवराज सिंह चौहान

    कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का परिवार व्यापम घोटाले में शामिल है और कहा कि वह अपनी टिप्पणी के लिए मानहानि के मामलों का सामना करने के लिए तैयार हैं।

    मध्य प्रदेश में 2013 में इस घोटाले पर से पर्दा उठा था और इसमें कई राजनेता, सरकारी अफसर की संलिप्तता का आरोप लगा था।

    राहुल गाँधी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए एक सीनियर भाजपा नेता ने कहा कि राहुल लोगों को गुमराह कर रहे हैं।

    यहां एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए गांधी ने कहा, “मुख्यमंत्री ने कल (सोमवार) गुस्सा किया और कहा कि राहुल गांधी व्यापम के बारे में बात कर रहे थे। उन्होंने (सीएम) ने कहा कि वह मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे। जितना चाहें उतने मामलों को दर्ज करें, कोई फर्क नहीं पड़ता। ”

    2003 से मध्य प्रदेश की सत्ता से बाहर कांग्रेस लगातार भाजपा को व्यापम के जरिये घेर रही है। प्रदेश में 28 नवम्वर को वोट डाले जाएंगे।

    पूरे मध्य प्रदेश को पता है कि व्यापम घोटाले में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री के परिवार की भागीदारी है। मैं दोहराता हूं, एमपी सीएम का परिवार व्यापम घोटाले में शामिल है, “गांधी ने आरोप लगाया

    उन्होंने कहा मेरे खिलाफ केस फ़ाइल कर दीजिये लेकिन मैं सच कहने से नहीं डरूंगा। आप सच से भाग नहीं सकते हैं।
    उन्होंने आरोप लगाया कि ‘पूरे मध्य प्रदेश को ई-निविदा में भ्रष्टाचार के बारे में पता है और व्यापम घोटाले में 50 लोगों की हत्या कर दी गई थी।’

    इससे पहले पनामा पेपर में अपना नाम घसीटने के लिए मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पुत्र कार्तिकेय चौहान ने कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज किया था।

    राहुल गाँधी ने झबुआ में सोमवार को चुनाव रैली के दौरान कार्तिकेय का नाम पनामा पेपर में घसीटा था।  हालांकि अगले दिन उन्होंने कहा कि वो कन्फ्यूज हो गए थे और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के बेटे का पनामा पेपर से कोई सम्बन्ध नहीं है।

    चौहान पर अपने हमले को जारी रखते हुए गांधी ने कहा कि व्याप्त घोटाले ने मध्यप्रदेश के युवाओं के भविष्य को बर्बाद कर दिया है।

    By आदर्श कुमार

    आदर्श कुमार ने इंजीनियरिंग की पढाई की है। राजनीति में रूचि होने के कारण उन्होंने इंजीनियरिंग की नौकरी छोड़ कर पत्रकारिता के क्षेत्र में कदम रखने का फैसला किया। उन्होंने कई वेबसाइट पर स्वतंत्र लेखक के रूप में काम किया है। द इन्डियन वायर पर वो राजनीति से जुड़े मुद्दों पर लिखते हैं।

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