प्रज्ञा ठाकुर, 2008 मालेगांव ब्लास्ट की आरोपी जिनकों भाजपा की ओर से राष्ट्रीय चुनाव के लिए भोपल की उम्मीदवार घोषित किया जाने के बाद अपने विवादित बयानों के लिए दो बार चुनाव आयोग की ओर से नोटिस भी जारी किया था, का पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवराज सिंह चौहान ने देश भक्त और भारत की मासूम बेटी के रूप में विवरण किया। उन्होंने कहा कि वह भोपाल से भारी बहुमत के साथ जीतेंगी।
शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा प्रज्ञा ठाकुर, 49 वर्षीय को सितंबर 2008, में हुए मालेगांव ब्लास्ट में झूठे आरोप में फंसाया गया हैं, जिसमें छह लोगों की मृत्यु हो गई थी और 100 से भी अधिक लोग घायल हो गए थे।
उन्होंने कहा,उस पर आरोप लगाने के लिए कानून का दुरूपयोग किया गया। वह अमानवीय पीड़ा की शिकार थी। यह सोच के कि वह किस कष्ठ से गुजरी होंगी सोच के ही रूह कांप उठती हैं।
मेरा आरोप हैं कि एक झूठे हिंदू आतंक का प्रचार किया गया था और दिग्विजय सिंह इस के मास्टरमाइंड हैं।
दिग्विजय सिंह भोपाल से कांग्रेस उम्मीदवार हैं, 1989 में यह सीट भाजपा ने जीती थी।
यह देखते हुए कि यह पार्टी की सुरक्षित सीट हैं, भाजपा ने प्रज्ञा ठाकुर को इस सीट पर क्यों उतारा? कोई साधारण उम्मीदवार दिग्विजय सिंह को हरा सकता था। लेकिन पार्टी ने प्रज्ञा को ही चुना। मुझे इसके लिए हंगामा और उनकी उम्मीदवारी पर आपत्ति नही समझ आई।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने सबूतों की कमी का हवाला देते हुए उसके खिलाफ सख्त आतंकी आरोप हटा दिए, लेकिन मुंबई की एक ट्रायल अदालत ने गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम हटाने से इनकार कर दिया।
आरोपों पर सीधा जवाब दिए बिना चौहान ने कहा प्रज्ञा ठाकुर एक सही उम्मीदवार हैं, एक नागरिक होने के नाते और भाजपा ने उन्हें पूरी जिम्मेदारी के साथ मैदान में उतारा हैं।
यह एक ऐसा देश हैं जहां द्रौपदी के उत्पीड़न ने महाभारत को जन्म दिया। साध्वी प्रज्ञा के साथ जो भी हुआ लोग उसको बिल्कुल स्वीकार नही करेंगे।
उनके विवादास्पद बयानों के बारे में पुछने पर जिसमें उसने हेमंत करकरे को श्राप दिया था, जिन्होंने उनकी जांच की थी और बाद में 26/11 आतंकी हमले में लड़ते हुए शहिद हो गए थे। चौहान ने कहा- वह एक समाजिक कार्यकर्ता रही हैं और इस एक बात पर उन्होंने उन पर चुटकी ली।