मध्य प्रदेश चुनाव में सिर्फ 25 दिन रह गए हैं और दोनों मुख्य पार्टियां भाजपा और कांग्रेस आंतरिक कलह से जूझ रही है। ताजा खबर भाजपा के अंदरूनी कलह का है।
मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह ने टिकट न मिलने से नाराज होकर कांग्रेस का दामन थमा लिया। संजय सिंह, कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया की मौजूदगी में दिल्ली के कांग्रेस मुख्यालय में एक समारोह के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए। संजय सिंह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह के भाई हैं।
मुख्यमंत्री के साले का चुनाव से ठीक पूर्व कांग्रेस में जाना भाजपा और शिवराज दोनों के लिए झटका है। कांग्रेस में जाते ही संजय सिंह ने अपने जीजा पर ताबड़तोड़ हमले शुरू कर दिया। संजय सिंह ने चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि ‘मध्य प्रदेश को अब ‘ऱाज’ की नहीं ‘नाथ’ की जरूरत है। अगले चुनावों में शिवराज सिंह की हार निश्चित है।’
भाजपा ने पिछले दिनों ही 177 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की थी। इस लिस्ट ने संजय सिंह का नाम न होना उनकी नाराजगी का कारण बना। इन 177 उम्मीदवारों की लिस्ट में शिवराज सिंह चौहान बुढ़नी से और वरिष्ठ नेता यशोधरा राजे सिंधिया को शिवपुरी से टिकट मिला है।
टिकट बंटवारे को लेकर कलह सिर्फ भाजपा में ही नहीं बल्कि कांग्रेस में भी मचा हुआ है। पिछले दिनों ही टिकट बंटवारे के लिए केंद्रीय चुनाव सिमिति की मीटिंग में वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया आपस में राहुल गाँधी के सामने ही भीड़ गए थे।
कलह को थमने के लिए सोनिया गाँधी को खुद सामने आना पड़ा। उन्होंने दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दोनों से बात की है।
28 नवम्बर को मध्य प्रदेश में विधानसभा की 230 सीटों के लिए वोट डाले जाएंगे। 15 सालों से सत्ता में जमे भाजपा और विपक्षी कांग्रेस के बीच इस बार कड़ा मुकाबला है।