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    शिमला, 1 जून (आईएएनएस)| हिमाचल प्रदेश में बेहतर जलापूर्ति से मिला पर्यटन को बढ़ावा मिला है। सरकार के एक प्रवक्ता ने शनिवार को यह बात कही। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में शिमला के सभी क्षेत्रों के निवासियों को पानी के संकट से राहत दी गई और इससे शिमला में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिला है।

    उन्होंने बताया कि शिमला शहर में मई, 2018 में जल संकट का सामना करना पड़ा था, जब पानी की आपूर्ति 28 एमएलडी तक कम हो गई थी और मई, 2018 के अन्तिम 10 दिनों में शिमला को पम्प किया गया औसतन पानी घटकर 20 एमएलडी रहा, जबकि मई, 2019 में सरकार के प्रयासों शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) द्वारा 50 एमएलडी पानी को पम्प किया गया। इसके अलावा, सप्ताहांत के दौरान पर्यटकों के आगमन पर पानी की आपूर्ति को पूर्ण क्षमता तक बढ़ाया गया।

    प्रवक्ता ने बताया कि शिमला में पिछले वर्ष मई में सभी निमार्णाधीन कार्यों के कनेक्शनों को बंद किया गया और पानी के नए कनेक्शनों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाया गया था। यहां तक कि शिमला में पानी की आवश्यकता को पूरा करने के लिए सिंचाई के पानी की आपूर्ति को भी बंद कर दिया था। मई 2018 की तुलना में इस वर्ष किसी भी निमार्णाधीन कार्य के लिए कनेक्शन बंद नही किया गया और सभी निर्माण गतिविधियों को शिमला में अनुमति दी गई है।

    उन्होंने बताया कि मई, 2019 में आमजन को नए कनेक्शन देने शुरू कर दिए गए। इस वर्ष कभी भी सिंचाई के लिए पानी बंद नहीं किया गया तथा मई के महीने में एसजेपीएनएल द्वारा दैनिक जल आपूर्ति सुनिश्चित की गई। मई, 2019 में शिमला में किसी भी प्रकार की पानी की कमी महसूस नहीं हुई।

    उन्होंने कहा कि शिमला शहर में पानी की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए शिमला शहर को जलापूर्ति प्रदान करने वाले सार्वजनिक नल और भंडारण टैंकों से प्रतिदिन 20 नमूने एकत्र किए जा रहे हैं।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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