Thu. Nov 7th, 2024
    चीन का शिनजियांग प्रान्त

    चीन के शिनजियांग प्रान्त में 10 लाख से भी अधिक उइगर और अन्य मुस्लिमों को नज़रबंद शिविरों में रखने के कारण चीन अंतर्राष्ट्रीय जगत की आलोचना झेल रहा है। बीजिंग ने कहा कि “इस्लामिक चरमपंथ के खतरे को जड़ से खत्म करने के लिए जरुरी उपायों पर कार्य करने की आवश्यकता है।”

    अल्पसंख्यक मुस्लिमों पर कार्रवाई

    रायटर्स के मुताबिक चीनी सरकार ने कहा कि “कानूनी विभागों ने दयालुता और गंभीरता से संतुलित नीति को अपनाया है। साल 2014 से शिनजियांग में 1588 हिंसको और आतंकी समूहों को तबाह किया है, 12995 आतंकवादियों को गिरफ्तार किया है, 2052 विस्फोटक यंत्रों को जब्त किया है, 4858 अवैध गतिविधियों में शामिल 30645 लोगों को सज़ा दी गयी है और 345229 धार्मिक सामग्री को जब्त कर लिया गया है।”

    चीन शिनजियांग हथियार बरामद
    चीनी सरकार के मुताबिक आतंकवादियों से इन हथियारों को बरामद किया गया है: रायटर्स

    दस्तावेज के अनुसार, “बहुत कम अल्पसंख्यकों को साख सज़ा दी गयी है, जो आतंकी समूहों के सरगना थे। चरमपंथियों से प्रभावित लोगों को उनकी मार्ग की अशुद्धता बताने के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण दिया जा रहा है।”

    शिनजियांग में आतंकी गतिविधियों में इजाफा

    प्रवक्ता दिलसत रक्सित ने बयान में कहा कि “चीन सत्य को तोड़ मरोड़कर पेश कर रहा है। उइगर समुदाय को दबाने के लिए आतंकवाद विरोधी अभियान एक राजनीतिक बहाना है। इस अभियान का असल मकसद विश्वास का विनाश और पाप करना है।”

    चीनी दस्तावेजों के मुताबिक “अमेरिका पर 11 सितम्बर 2001 को हुए आतंकी हमले के बाद शिनजियांग काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है। पूर्वी तुर्केस्तान के चरमपंथियों ने शिनजियांग में अपनी गतिविधियों में इजाफा किया है। अलगाववादी और चरमपंथी शिनजियांग में सक्रीय है।”

    दस्तावेज के मुताबिक “चरमपंथी खतरनाक नारे लगाते हैं कि “जिहाद में शहीद होने से जन्नत नसीब होगा।” इससे कई लोग चरमपंथियों और आतंकियों में तब्दील हो गए हैं, जिनका दिमाग पूरी तरह नियंत्रण किया जा रहा है। इस्लाम के तहत चल रहे धार्मिक चरमपंथ इस्लाम के सिद्धांतों का विरोधी है और यह इस्लाम नहीं है।”

    शिनजियांग प्रांत

    चीन के दक्षिणी भाग में स्थित शिनजिआंग प्रान्त में उइगर मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और इस क्षेत्र को आधिकारिक तौर पर स्वायत्तता प्रदान कर रखी है।

    तुर्की के राष्ट्रपति रिचप तैयब एर्डोगन मुस्लिम समुदाय के पहले व्यक्ति थे जिन्होंने चीन के खिलाफ आवाज़ उठायी थी। तुर्की के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हामी ऑक्सोय ने कहा कि चीन में जबरन उइगर मुस्लिमों को कैद को कैद करके रखना मानवता के लिए शर्म की की बात है।

    इन मुस्लिमों में कई तुर्क भाषी शामिल है। उन्होंने कहा कि यह अब गोपनीय नहीं रहेगा कि 10 लाख से अधिक मुस्लिमों को अवैध तरीके से नज़रबंद शिविरों रखा गया है। ताकि उनका उत्पीड़न किया सके और कैदखानों व शिविरों में उनकी राजनीतिक विचारधारा परिवर्तित किया सके।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *