यह ठीक 6 साल पहले मोहाली के पीसीए स्टेडियम में एक सरज के किरणो वाली सुबह थी, जहां दक्षिणपन्थी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपना पदार्पण किया। भारतीय चयनकर्ताओं ने आखिरकार उस दौरान एक बड़ा फैसला लिया और बेकार फॉर्म से जुझ रहे वीरेंद्र सहवाग को टीम से बाहर कर शिखर धवन को उनकी जगह टीम से जगह दी। धवन ने इस मौके का फायदा दोनो हाथो से उठाया और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में आक्रमक शॉर्ट्स की बारिश कर दी। शिखर को टीम में जगह देने के बाद वीरेंद्र सहवाग फिर कभी भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय मैच खेलते नजर नही आए।
धवन को उसी मैच में इंजरी भी हो गई थी, लेकिन उनका प्रदर्शन इतना शानदार था कि भारतीय टीम के लिए उनके करियर की शुरूआत हो गई थी। इसके बाद के वर्षों में, दिल्ली का बल्लेबाज भारत के शीर्ष क्रम में एक मुख्य आधार बना और सीमित ओवरों के क्रिकेट में रोहित शर्मा के साथ अभेद्य साझेदारी की।
यह उस आदेश के शीर्ष पर धवन की विशेषता थी, जिसने 2013 के आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को खिताब जितवाने में मदद की, जो पिछले आईसीसी टूर्नामेंट की सबसे बड़ी टीम है। 50 ओवर के प्रारूप में उनके योगदान का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2013 के बाद से तीनों आईसीसी टूर्नामेंटों में धवन भारत के लिए सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी रहे है।
2013 चैंपियंस ट्रॉफी
मैच- 5, रन: 363, औसत: 90.75
2015 विश्वकप
मैच:8, रन: 412, औसत: 51.50
2017 चैंपियंस ट्रॉफी
मैच: 5, रन: 338, औसत: 67.60
रविवार को एक बार फिर धवन ने सबको दिखाया कि वह अभी भी अपने बल्ले से बड़ा स्कोर करने की क्षमता रखते है, उन्होने चौथे वनडे मैच के दौरान 143 रन की पारी खेली है। लेकिन उनकी यह पारी पानी में गई क्योंकि टीम को चार विकेट से हार का सामना करना पड़ा, लेकिन धवन ने टीम के लिए अपना संपूर्ण योगदान दिया।
उप-महाद्वीप के बाहर टेस्ट क्रिकेट में प्रदर्शन करने में उनकी असमर्थता से उन्होने पिछले साल सबसे लंबे प्रारूप में अपना स्थान खो दिया। इसके बाद सीमित ओवरों के क्रिकेट में भी उनका एक दुर्लभ झुकाव दिखाई दे रहा था, जिसके चलते बीसीसीआई ने हाल में खिलाड़ियो के लिए जारी किए संट्रैल कॉन्ट्रैक्ट के सबसे शीर्ष ब्रैकेट से उनको हटा दिया।
अचानक धवन के इर्द-गिर्द की दुनिया चमक रही थी और उसे कहीं से एक बूस्टर पारी की जरूरत थी। वह मोहाली में आया क्योंकि दक्षिणपूर्वी ने एक मददगार ट्रैक पर अपना जलवा और समय दिखाया। एकदिवसीय मैचों में धवन 16 शतकों में से 13 मैचों में भारत के परिणाम के दाईं ओर रहे हैं। इससे साफ पता चलता है कि हर बार धवन को बड़ा स्कोर मिलने से टीम को फायदा होता है।
जैसे की विश्व कप के भी अब कुछ ही महीने रह गए है, धवन का फॉर्म में आना कप्तान विराट कोहली और टीम प्रबंधन के लिए एक अच्छी खबर है। इससे कोहली और रोहित शर्मा का दबाव ही कम नही होगी बल्कि, इससे यह गारंटी भी मिलती है कि टीम को बड़ा स्कोर मिलेगा, जो की शोपीस इवेंट में इंग्लैंड के फ्लैट-ट्रैक के लिए महत्वपूर्ण होगा।