जापान के प्रधानमन्त्री शिंजो आबे की दिसम्बर में वार्षिक सम्मेलन के लिए भारत की यात्रा से पूर्व भारत और जापान के बीच पहली मंत्रीय स्तरीय 2+2 वार्ता का आयोजन किया जायेगा। यह निर्णय नरेंद्र मोदी और शिंजो आबे के बीच पूर्वी आर्थिक मंच के सम्मेलन के इतर बैठक में लिया गया था।
2+2 की बैठक में दोनों देशो के रक्षा मंत्रियो और विदेश मंत्रियो के बीच रणनीतिक मामलो पर चर्चा होती है। विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि जापानी प्रधानमन्त्री ने हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ जरुरी मसलो पर चर्चा की थी।
आबे ने मोदी से कहा कि इन चर्चाओं को दिसम्बर में दिल्ली में शिखर सम्मेलन के दौरान आगे ले जाया जायेगा और इससे कुछ मज़बूत परिणामो के आने की सम्भावना है। उन्होंने अफ्रीका में भारत और जापान के संयुक्त परियोजनाओं के होने की संभावनाओं पर चर्चा की।
उन्होंने भारत-जापान-अमेरिका त्रिकोणीय वार्ता पर बात की जिसके तहत दो बैठको का आयोजन किया जा चुका है और ऐसी मुलाकातों को जारी रखने पर सहमती व्यक्त की है। दक्षिणी चीनी सागर पर चीन के बढ़ते कदम पर मोदी और आबे के विचार है कि यह इलाका आर्थिक प्रगति और सुरक्षा के लिए खुला और मुक्त होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि समझौते को अंतिम स्वरुप देते हुए माल और सेवा में व्यापार को भी दिमाग में रख लेना चाहिए। दिसम्बर में नई दिल्ली में वार्षिक सम्मेलन के दौरान तफ्शील से विभिन्न मुद्दों पर दोनों प्रध्नाम्न्त्रियो के बीच चर्चा होगी। मोदी ने मंगोलिया के राष्ट्रपति खल्त्मागीन बत्तुलगा से द्विपक्षीय मुलाकात की थी और द्विपक्षीय संबंधों पर एक नजर डाली थी।
उन्होंने अधिकतर व्यापार और आर्थिक संबंधो पर चर्चा की थी। इस महीने के आखिर में बत्तुलगा भारत की यात्रा करेंगे और तब सारी बातचीत की जाएगी। दिल्ली के आलावा वह बेंगलुरु और बोधगया के दौरे पर जायेंगे।”